कोरबा। जिले में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मरीज की जान चली गई। डॉक्टर ने मरीज के पेट में इंजेक्शन लगाया था, जिससे पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। हद तो तब हो गई जब डॉक्टर ने सही सलाह देने के बजाए धमकी देना शुरू कर दिया।
जिसकी जानकारी भानुप्रताप ने शाम को पत्नी सुकुल बाई को दी। पत्नी ने डॉक्टर को कॉल कर पति के पेट में इंजेक्शन लगने के बाद दर्द बढ़ने की जानकारी दी, लेकिन डॉक्टर सही सलाह देने के बजाय धमकाने लगा। आखिरकार परिजन भानुप्रताप को ईलाज के लिए पेंड्रा ले गए, जहां डॉक्टर ने बिलासपुर ले जाने की सलाह दी। 7 से 17 नवंबर तक भानुप्रताप का उपचार सिम्स में चलता रहा। इस दौरान पेट में घाव के पक जाने की बातें सामने आई। डाक्टरों ने ऑपरेशन भी किया। परिजन ठीक नहीं होने पर भानुप्रताप को घर ले आए। जिसके बाद मरीज ने 18 नवंबर को थाने में मामले की लिखित शिकायत कर दी। जिसे सामान्य मान पुलिस विवेचना करती रही। इधर हालत बिगड़ने पर भानुप्रताप को पुनः सिम्स दाखिल कराया गया। सिम्स में दो दिन बाद ईलाज के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया।