नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के 10 जवानों को उनके अदम्य साहस और असाधारण वीरता के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। जिनमें से सात को मरणोपरांत इस सम्मान से सम्मानित किया गया। कीर्ति चक्र, भारत का दूसरा शीर्ष सैन्य वीरता पुरस्कार है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान 26 सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को शौर्य चक्र भी प्रदान किए जिनमें से सात को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया। बयान में साझा की गई पुरस्कार विजेताओं की सूची के अनुसार, राष्ट्रीय राइफल्स की 55 वीं बटालियन के ग्रेनेडियर्स के सिपाही पवन कुमार, Punjab Regiment की 26 वीं बटालियन के सेना मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह और भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की 9वीं बटालियन के हवलदार अब्दुल मजीद को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
President Droupadi Murmu conferred Kirti Chakra upon Captain Anshuman Singh, The Army Medical Corps, 26th Battalion The Punjab Regiment, posthumously. Disregarding his own safety, he exhibited exceptional bravery and resolve to rescue many people in a major fire incident. pic.twitter.com/o8bVuM3ZOo
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 5, 2024
CRPF के निरीक्षक दिलीप कुमार दास, हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव और सिपाही बबलू राभा व शंभू रॉय को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने यह सम्मान राष्ट्रपति से प्राप्त किया। मंत्रालय ने बताया कि मेजर रैंक के 2 और नायब सूबेदार सहित 3 सैनिकों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन ने ‘एक्स’ पर समारोह की तस्वीरें भी साझा कीं। राष्ट्रपति भवन ने पोस्ट में कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब रेजिमेंट की 26 वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर में कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। अपनी जान की परवाह किए बिना उन्होंने आग की एक बड़ी घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया।”