गांधी: ‘आधुनिक युग में प्रासंगिकता’:
दे दी आजादी तूने हमें बिना खड़ग ढाल,साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल,रघुपति राघव राजा राम’।।
सक्ति-आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भौतिक रूप से भले ही हमारे बीच मौजूद नहीं है, परंतु गांधी के आदर्श ,उनके विचार तथा उनकी शिक्षाएं आज भी आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन के सच्चे स्त्रोत हैं। गांधी की प्रासंगिकता जितनी स्वतंत्रता काल में थी, आज के समय । में भी उतनी ही है, उसमें रत्ती भर भी कमी नहीं हुई है
दक्षिण अफ्रीका से अपने अभियान की शुरुआत करने वाले गांधी जी सन 1915 में भारत वर्ष लौटे, तथा जिस प्रकार उन्होंने सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह तथा नैतिकता का प्रयोग किया वह निस्संदेह आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करेगा
दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के अधिकारों की रक्षा हेतु किया गया संघर्ष हो, भारत वापस लौटने पर 1920 के दशक में असहयोग आंदोलन की नीव रखना हो या 1922 में चौरी चौरा कांड के पश्चात आंदोलन वापस लेना हो ,नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन, गोलमेज सम्मेलन, 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन तथा अंततः सन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के नीव रखनी हो, वह निस्सन्देह अविस्मरणीय रहेगा।,” माय एक्सपेरिमेंट विथ ट्रुथ” पुस्तक में उनके द्वारा विस्तृत रूप से इसकी व्याख्या की गई है
आधुनिक समय में जब संपूर्ण विश्व में हथियारो की दौड़ जारी हो ,आतंकवाद का बढ़ता हुआ प्रसार हो ,आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद ,हिज्बुल मुजाहिदीन ,आईएसआईएस इत्यादि सक्रिय हो ,धर्मांधता हो ,नैतिकता का पतन हो ,देशों में आर्थिक संकट हो, शासकीय कार्यालयों में बढ़ता भ्रष्टाचार हो,बेरोजगारी व निर्धनता हो, जैविक हथियारों का बढ़ता हुआ संकट हो,हर छोटी बड़ी चुनौती से निपटने में ‘गांधीवाद ‘आज भी उतना ही प्रभावी है
आज आवश्यकता इस बात की है कि 2 अक्टूबर को हम गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजन करके केवल अपने कर्तव्यों की इतिश्री ना कर लें,बल्कि गांधी के विचारों, आदर्शों को अपना कर एक अच्छे जीवन ,एक अच्छे व्यक्तित्व और अंततः एक अच्छे समाज व देश के नव निर्माण करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएं । वर्तमान में उनका समाधि स्थल’ राजघाट ‘अमर जवान ज्योति के रूप में विश्व प्रसिद्ध है जिसके सामने दूसरे देशों की राजनयिक व राष्ट्र नायक नतमस्तक हो जाते हैं
डॉ सुमित कुमार गर्ग कहते हैं कि यह अत्यंत हास्यास्पद विषय है कि गांधी जी को अर्धनग्न फकीर की संज्ञा देने वाले ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की प्रतिमा के ठीक बाजू में गांधी की प्रतिमा ब्रिटेन की संसद के बाहर मौजूद हैं। गांधी तथा गांधीवाद सदा संपूर्ण विश्व के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाता रहेगा।
डॉ सुमित कुमार गर्ग वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर एवं जांजगीर-चांपा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में डिप्टी कलेक्टर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं