ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र में सकारात्मक संवाद और सहयोग की जताई उम्मीद

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। संसद का यह सत्र बेहद हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है। सरकार ने सदन चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की है। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद सत्र के दौरान सकारात्मक संवाद और सहयोग की उम्मीद जताई है। ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “संसद का शीतकालीन सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है।

मुझे विश्वास है कि सत्र के दौरान सभी माननीय सदस्यों के सकारात्मक संवाद और सहयोग के माध्यम से जनहित के विषय प्रतिबिंबित होंगे। इससे न केवल सदन की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी हमारे योगदान का मार्ग प्रशस्त होगा। मैं आशान्वित हूं कि सभी माननीय सदस्य संसदीय प्रक्रियाओं का सदुपयोग करते हुए सदन में प्रभावी कार्यकरण सुनिश्चित करेंगे।” संसद के शीतकालीन सत्र में कई मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है। वक्फ संशोधन विधेयक समेत कुल 16 विधेयक संसद में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गए हैं।

एक दूसरे एक्स पोस्ट में ओम बिरला ने लिखा, “सभ्यता और परंपरा की अनुपम नगरी ‘अलवर’ के स्थापना दिवस पर क्षेत्रवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। अरावली की गोद में बसा अलवर समृद्ध प्रकृति के साथ ही विशिष्ट ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के लिए भी जाना जाता है। मेरी कामना है कि यहां उद्योग और पर्यटन सहित विकास की सभी संभावनाओं का विस्तार हो तथा यहां के निवासी स्वस्थ और आनंदित रहें।” सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने वाले लोकसभा सदस्यों के पास इलेक्ट्रॉनिक टैब पर डिजिटल पेन का उपयोग करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का विकल्प प्रदान किया गया।

संसद को कागज रहित बनाने की अध्यक्ष ओम बिरला की पहल के तहत लोकसभा कक्ष की लॉबी में चार काउंटरों पर इलेक्ट्रॉनिक टैब रखे गए। संसद सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर को समाप्त होगा। संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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