कोतरलिया स्टेशन यार्ड में चौथी रेल लाइन परियोजना के तहत नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य प्रगति पर

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा संरक्षा, समयबद्धता और क्षमता बढ़ाने की दिशा में अहम कदम

रायपुर- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत बिलासपुर-झारसुगुड़ा रेलखंड पर स्थित कोतरलिया स्टेशन पर वर्तमान में चौथी रेल लाइन परियोजना के तहत व्यापक नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य तीव्र गति से जारी है । यह कार्य 11 अप्रैल से 24 अप्रैल 2025 तक पूर्वनिर्धारित अवधि में किया जा रहा है एवं यह लगभग 2100 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन 206 किलोमीटर लंबी बिलासपुर – झारसुगुड़ा चौथी रेल लाइन परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य रेल परिचालन की क्षमता में वृद्धि, समयबद्धता में सुधार और यात्री सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाना है । कोतरलिया स्टेशन पर इस दौरान व्यापक स्टेशन एवं यार्ड मॉडिफिकेशन कार्य किए जा रहे है, जिसमें ट्रैक, सिग्नलिंग और ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं।

नॉन-इंटरलॉकिंग एवं प्री-एनआई चरणों में इंजीनियरिंग कार्यों के अंतर्गत कोतरलिया स्टेशन यार्ड में निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए गए:-

* यार्ड के पुनःमॉडिफिकेशन के अंतर्गत 13 नए टर्नआउट्स, नया अप लूप लाइन, साइडिंग, नया ट्रैक मशीन लाइन और हॉट एक्सल साइडिंग का सफल कमीशनिंग किया गया।
* प्री-एनआई के दौरान अप मुख्य लाइन में 1 टर्नआउट का सम्मिलन कर, वेल्डिंग और टेम्पिंग कार्य उसी ब्लॉक में पूर्ण किया गया
* पुराने 7 टर्नआउट्स और 730 मीटर पुराने 52 किग्रा ट्रैक को हटाकर नया 60 किग्रा ट्रैक लिंक किया गया।
* लाइन सस्पेंशन के दौरान 8 नए टर्नआउट्स का बिछाव किया गया, जिनमें से 5 ग्राउंड पॉइंट्स पहले बिछाए गए थे।
* प्रस्तावित चौथी लाइन (1000 मीटर), लूप लाइन (800 मीटर), क्रॉसओवर एवं पीआईएसके साइडिंग को अप लाइन स्तर तक हेवी लिफ्टिंग और 1200 मीटर स्लूइंग द्वारा स्थापित किया गया ।
* 13 नए टर्नआउट्स, क्रॉसओवर्स एवं यार्ड की सभी सस्पेंडेड लाइनों की टेम्पिंग कार्य सफलतापूर्वक किया गया।
* इस कार्य हेतु 4 टी-28 पोर्टल्स, 2 टेम्पिंग मशीन के साथ साथ अन्य मशीनें व बड़ी संख्या में कार्य से संबंधित अधिकारी, इंजिनियर, कर्मचारी एवं श्रमिक लगाये गए।
* उल्लेखनीय बात यह रही कि कार्य के दौरान किसी भी ब्लॉक का निर्धारित समय से अधिक नहीं हुआ, जो योजना और क्रियान्वयन की उत्कृष्टता को दर्शाता है।

इसी प्रकार रेल विद्युतीकरण (ओएचई) से जुड़े कार्यों में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है । कार्य के दौरान हाइड्रा मशीन, जेसीबी, टावर वैगन सहित अन्य आधुनिक मशीनें तथा इस कार्य के विशेषज्ञ अधिकारी, इंजिनियर, कर्मचारी एवं श्रमिको ने रेल विद्युतीकरण (ओएचई) कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस दौरान निम्न कार्य संपादित किए गए:-

* 11 पोर्टल इरेक्शन, 23 टीटीसी, 95 ओएचई मास्ट, तथा 6 क्रॉसओवर का निर्माण।
* 1.9 किलोमीटर फीडर लाइन, 3 किलोमीटर वायरिंग।
* 5 पुराने पोर्टल मास्टों का सफल डिस्मैंटलिंग।
* कोतरलिया एसएसपी में चौथी लाइन से जुड़ी आवश्यक संशोधन कार्य पूर्ण किया गया।

इस परियोजना के तहत कोतरलिया स्टेशन का व्यापक रूप से पुनःविकास किया जा रहा है, जिसमें एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म का निर्माण, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली की स्थापना, और सिग्नलिंग एवं ट्रैक कनेक्टिविटी को उन्नत किया जा रहा है। इस पूरे कार्य में 500 से अधिक रेलवे अधिकारी, इंजीनियर और श्रमिक अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से दिन-रात जुटे हुए हैं।

इस कार्य की पूर्णता से ट्रेनों की गति और समयपालन में सुधार, परिचालन में गतिशीलता, लाइन की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं, व्यापार, उद्योग और परिवहन क्षेत्र में नई संभावनाएं भी प्रबल होगी।

यह परियोजना दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रेल नेटवर्क को और अधिक मजबूत और आधुनिक बनाएगी, साथ ही इस अंचल के यात्रियों एवं व्यापार को भी समुचित लाभ प्रदान करेगी।

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