हैदराबाद, भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने खनन प्रौद्योगिकियों, खनिज प्रसंस्करण तथा विशेष रूप से खनन अपशिष्ट और जटिल अयस्कों से महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अमेरिका के कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस (CSM) के साथ एक दीर्घकालिक अनुसंधान सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह MoU एनएमडीसी के अनुसंधान एवं विकास केंद्र, हैदराबाद और कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ के बीच संपन्न हुआ। इस समझौते पर एनएमडीसी की ओर से श्री विनय कुमार, निदेशक (तकनीकी) ने हस्ताक्षर किए।
यह रणनीतिक सहयोग भारत के खनन पारिस्थितिकी तंत्र में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, अत्याधुनिक अनुसंधान और उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की एनएमडीसी की परिकल्पना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस MoU के अंतर्गत, एनएमडीसी और कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस कई अग्रणी क्षेत्रों में सहयोग करेंगे, जिनमें लौह अयस्क का संवर्धन और एग्लोमरेशन; खनन अपशिष्ट के उपयोग हेतु प्रौद्योगिकियों का विकास; स्वदेशी कच्चे माल का उपयोग कर वैकल्पिक लौह निर्माण प्रौद्योगिकियां; तथा दुर्लभ मृदा तत्वों सहित महत्वपूर्ण खनिजों का निष्कर्षण शामिल है। इसके साथ ही, साझेदारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI/ML), डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), माइनिंग 4.0, तथा ड्रोन और स्वचालित वाहनों जैसी स्वायत्त प्रणालियों पर आधारित प्रौद्योगिकी-संचालित खनन समाधानों पर भी केंद्रित होगी।

इस सहयोग की एक प्रमुख विशेषता सतत खनन और टेलिंग्स, कोल ऐश् तथा निम्न-ग्रेड अयस्क जैसे अपशिष्ट स्रोतों से मूल्य सृजन पर विशेष जोर देना है। यह पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण, उन्नत विनिर्माण तथा रणनीतिक उद्योगों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों के नए स्रोतों को विकसित करने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।
इस MoU के महत्व को रेखांकित करते हुए एनएमडीसी के सीएमडी अमिताभ मुखर्जी ने कहा, “यह सहयोग खनन अपशिष्ट से महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण को आगे बढ़ाने में एक नए अध्याय की शुरुआत है। कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस के साथ इस MoU के माध्यम से एनएमडीसी अपनी अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत कर रहा है और खनन में उन्नत प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारा व्यापक लक्ष्य सतत और जिम्मेदार खनन प्रथाओं को सुनिश्चित करते हुए भारत को महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भर बनाना है।”
महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने और उन्नत खनन प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भारत के बढ़ते फोकस के बीच, एनएमडीसी–कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस MoU एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है, जो तकनीकी नवाचार, क्षमता निर्माण और भारतीय खनन क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता में योगदान देगा .