मीठी नदी घोटाला मामला: मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने ठेकेदार शेरसिंह राठौड़ को किया गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मीठी नदी सफाई घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान शेरसिंह राठौड़ के रूप में हुई है। पुलिस उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश करेगी। जानकारी के अनुसार, शेरसिंह राठौड़ का नाम शुरुआत में दर्ज एफआईआर में शामिल नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, उसके खिलाफ अहम सबूत मिले। जांच पड़ताल के बाद मामले में राठौड़ की संलिप्तता सामने आई और उसकी गिरफ्तारी की गई।

गौरतलब है कि मीठी नदी सफाई घोटाला मुंबई के बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है। आरोप है कि मीठी नदी की सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें, जैसे कि कीचड़ हटाने वाली और गहरी खुदाई करने वाली मशीन आदि को किराए पर लेने वाले रुपयों का दुरुपयोग हुआ। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कोच्चि स्थित कंपनी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त मशीनों के लिए बढ़ी हुई कीमतें चुकाईं।

दरअसल, मीठी नदी की गाद निकालने के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इस पूरे प्रोजेक्ट में कई तरह की अनियमितता सामने है और बताया गया कि काम सिर्फ कागज में हुआ और नदी में कोई भी काम नहीं किया गया। गाद निकालने के नाम पर फर्जी बिल बनाकर भुगतान हुआ और जमकर लूट हुई। इस मामले में पहले मुंबई पुलिस ने एसआईटी बनाई और इसके बाद मुंबई पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंसेस विंग ने मामले को अपने पास लिया।

जांचकर्ताओं का मानना है कि इस धोखाधड़ी को बीएमसी के कुछ अधिकारियों और मैटप्रॉप कंपनी के कर्मचारियों ने मिलकर अंजाम दिया। बीएमसी के पास बढ़ा-चढ़ाकर बिल भेजा गया। इस पूरे मामले में बॉलीवुड एक्टर डीनो मोरिया का भी नाम सामने आया था, जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने उनसे पूछताछ भी की। इस मामले में जिन दो मिडिल मैन को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, उनमें से एक की जांच करते हुए कुछ दस्तावेज मिले थे, जिसमें डीनो मोरिया और उनके भाई की कंपनी का नाम सामने आया था।

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