कोरबा। प्रसूता को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर गई मितानिन से वहां तैनात महिला गार्ड ने दुर्व्यवहार किया। घटना की जानकारी मिलते ही मंगलवार को मितानिन संगठन ने आक्रोशित होकर अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की, जहां चर्चा के बाद प्रबंधन ने व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिया तो मामला शांत हो गया। शहर के वार्ड क्रमांक-4 राताखार की एक प्रसूता को सोमवार देर रात वहां की मितानिन गायत्री पटेल इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंची थी, जहां कुछ समय बाद वार्ड में जाते समय मितानिन को वहां तैनात महिला गार्ड ने अंदर जाने से रोक दिया।
मितानिन द्वारा खुद का परिचय देने के बाद भी अमर्यादित तरीके से बात कर महिला गार्ड ने धक्का देते हुए दुर्व्यवहार किया। इसकी जानकारी मितानिन गायत्री पटेल ने मितानिन संगठन को दी, जिससे संगठन के पदाधिकारी व मितानिन भड़क गईं। मंगलवार सुबह संगठन की अध्यक्ष कविता राठौर के साथ बड़ी संख्या में मितानिन अस्पताल पहुंची, जहां अस्पताल प्रबंधन से घटना की शिकायत की। संगठन के प्रतिनिधि मंडल से अस्पताल के असिस्टेंट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. रविकांत जाटवर ने चर्चा कर घटना की जानकारी ली।
सेवाभावी मितानिनों से निचले स्तर का बर्ताव मितानिन संगठन की अध्यक्ष कविता राठौर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज संबद्ध जिला अस्पताल में यह पहली बार नहीं है, बल्कि कई बार ऐसा हो चुका है। सेवाभावी मितानिन फील्ड पर काम करते हुए 9 महीने तक गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखती हैं, उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचती हैं। गर्भवती और प्रसूता का वह विशेष ध्यान रखते हुए अस्पताल में महिला मरीज के करीब रहती हैं, लेकिन अस्पताल में तैनात महिला गार्डों द्वारा उनके साथ निचले स्तर का बर्ताव किया जाता है।