मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल आएंगे छत्तीसगढ़

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने राज्य सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की बड़ी रणनीति तैयार की है। खासतौर पर शराब घोटाले में ईडी द्वारा सुकमा स्थित राजीव भवन की कुर्की, खाद और बीज संकट, और कृषि तथा जनहित से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर पार्टी जल्द ही राज्यव्यापी सभा और प्रदर्शन करने जा रही है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल के शामिल होने की संभावना है।

सचिन पायलट की अध्यक्षता में हुई PAC बैठक कांग्रेस की इस रणनीति की रूपरेखा पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक में तय की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने की। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल के संभावित छत्तीसगढ़ दौरे पर भी चर्चा हुई। जानकारी के मुताबिक, 7 जुलाई को खरगे छत्तीसगढ़ आ सकते हैं, जबकि केसी वेणुगोपाल भी उसी कार्यक्रम में शामिल होंगे। दोनों नेताओं का विस्तृत शेड्यूल जल्द ही जारी किया जाएगा।

मुद्दों पर केंद्रित होगा विरोध प्रदर्शन PAC बैठक में निर्णय लिया गया कि कांग्रेस आने वाले समय में निम्नलिखित मुद्दों को लेकर प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ जोरदार घेराबंदी करेगी: शराब घोटाले में कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की कथित साजिश सुकमा राजीव भवन की ईडी द्वारा कुर्की खाद और बीज की किल्लत से जूझ रहे किसानों की समस्याएं भ्रष्टाचार और प्रशासनिक असफलताएं विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग

कांग्रेस का आरोप: केंद्र सरकार कर रही राजनीतिक बदले की कार्रवाई कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर छत्तीसगढ़ की विपक्षी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सुकमा स्थित कांग्रेस कार्यालय की कुर्की को राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया जा रहा है। कांग्रेस का मानना है कि जनता को इन घटनाओं की सच्चाई से अवगत कराना जरूरी है, और इसके लिए जमीनी स्तर पर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।

खरगे और वेणुगोपाल का दौरा बनेगा शक्ति प्रदर्शन 7 जुलाई को प्रस्तावित मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल का छत्तीसगढ़ दौरा राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरान कांग्रेस विशाल सभा या रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन कर सकती है, जिसमें पार्टी अपने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बनाएगी।

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