दंतेवाड़ा के छात्रावासों पर बड़ा खुलासा: एक नागरिक की शिकायत पर कलेक्टर ने करवाई ऑडिट: जोशी

दंतेवाड़ा: जिले के बचेली और किरंदुल स्थित छात्रावासों की दयनीय स्थिति को लेकर एक आम नागरिक, प्रवेश कुमार जोशी, द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए स्मरण पत्र (दिनांक 01.10.2025) के बाद दंतेवाड़ा जिला प्रशासन हरकत में आया है। शिकायत में निर्माण कार्य शुरू न होने और छात्रों को हो रही कठिनाइयों का जिक्र था। इस पर, दंतेवाड़ा कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत की पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा पूर्ण डायनैमिक कार्यशैली की सोच के तहत, एक जांच दल का गठन किया गया, जिसने जिले के SC, ST, और OBC छात्रावासों का विस्तृत निरीक्षण कर जांच और ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है, जिसे शिकायतकर्ता को दर्शाया भी गया है।
यह रिपोर्ट देश, राज्य व जिले के शिकायत विभाग की सत्यनिष्ठा को उजागर करती है, जिसने एक आम नागरिक की शिकायत पर इतनी विस्तृत कार्रवाई की। जोशी ने कलेक्टर सर के प्रति विश्वास जताया है कि उनकी निगरानी में जल्द ही जिले के सभी हॉस्टल सर्वसुविधा युक्त बन जाएंगे और बच्चों को पढ़ाई व रहने के लिए एक खुशहाल व उचित वातावरण प्राप्त होगा। इसके लिए बच्चे व जिलानिवासी सदैव कृतज्ञ/आभारी रहेंगे व भविष्य में अपनी समस्याएँ निर्भीक होकर प्रशासन तक पहुंचाएंगे।

निरीक्षण रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु: छात्रावासों की वर्तमान वस्तुस्थिति
जांच रिपोर्ट में विभिन्न छात्रावासों की वर्तमान स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं, बजट उपयोगिता और रजिस्टर/अभिलेखों की जांच की गई है। कई छात्रावासों में तत्काल मरम्मत और प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता पाई गई है:
1. पोस्ट मैट्रिक अनु.ज.जा. बालक छात्रावास, किरंदुल
* भवन एवं शौचालय: भवन की छत से सीपेज (पानी का रिसाव) की समस्या है। कुल 08 शौचालयों में से 05 अनुपयोगी हैं, जिनकी मरम्मत अत्यंत आवश्यक है।
* वित्तीय अनियमितता: कैशबुक 20.02.2023 से 21.02.2023 के बाद अद्यतन संधारित नहीं है। 07.10.2025 तक कैशबुक में बचत 10,48,980/- दर्शाई गई, लेकिन अभिलेख अद्यतन न होने के कारण वास्तविक मदवार व्यय की जानकारी नहीं मिल पाई। प्रतिवर्ष प्राप्त मरम्मत राशि का व्यय नहीं किया गया है।
* तत्काल आवश्यकता: शौचालय मरम्मत, बोर खनन (पानी की व्यवस्था हेतु), और नया किचन शेड निर्माण।
2. पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास, किरंदुल
* भवन एवं शौचालय: भवन में सीपेज, जंग लगे टीन शेड से पानी टपकना और सीलिंग क्षतिग्रस्त होने की समस्या है। शौचालय जर्जर स्थिति में हैं और मरम्मत की आवश्यकता है।
* नए भवन की स्थिति: नया छात्रावास भवन निर्माण कार्य काफी समय से बंद पड़ा है।
* वित्तीय स्थिति: कैशबुक एवं पासबुक में बचत राशि ₹5,21,070/- और ₹5,31,070/- का मिलान हो रहा है।
3. प्री.मै.अनु.ज.जा. बालक छात्रावास, किरंदुल
* अभिलेख संधारण: 22.02.2023 से अब तक कैशबुक संधारित नहीं है। बैंक पासबुक पर भी प्रविष्टियाँ अद्यतन प्रिंट नहीं हैं, जिससे शिष्यवृत्ति वितरण की जानकारी अपूर्ण है।
* भवन की स्थिति: भवन की स्थिति ठीक है, लेकिन किचन शेड निर्माण और सीसीटीवी कैमरा में सुधार की आवश्यकता है।
4. कन्या आश्रम, पीनाबचेली
* अभिलेख संधारण: 09.08.2024 से कैशबुक संधारित नहीं है। अधीक्षिका की अस्वस्थता के कारण कार्य लंबित है, लेकिन जल्द ही पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया है।
* तत्काल आवश्यकता: दरवाजा एवं खिड़की मरम्मत, विद्युत बोर्ड मरम्मत, और 13 खराब सीसीटीवी कैमरों में सुधार की आवश्यकता है।
5. प्री.मै.अनु.जा. बालक छात्रावास, बचेली (सीट 80)
* भवन की स्थिति: भवन में प्लास्टर और आंगन में फर्श लगाने की आवश्यकता है।
* तत्काल आवश्यकता: विद्युत मरम्मत, रंगाई-पोताई, टूटे हुए प्लास्टर की मरम्मत, आंगन का फर्श और किचन शेड का सीट बदलने की आवश्यकता है।
6. प्री.मै.अनु.ज.जा. बालक छात्रावास, बचेली (सीट 50)
* प्रशासनिक समस्या: नए अधीक्षक को पुराने अधीक्षक द्वारा कैशबुक/पासबुक का प्रभार नहीं दिया गया है, जिससे आगे का संधारण संभव नहीं हो सका है और अंतिम बचत राशि की जानकारी नहीं मिल पाई।
* भवन की स्थिति: स्टोर कक्ष में छत से पानी का सीपेज हो रहा है।
* तत्काल आवश्यकता: विद्युत बोर्ड एवं स्विच मरम्मत, किचन शेड निर्माण, और संस्था के पीछे बाउंड्रीवॉल निर्माण की आवश्यकता है।

कलेक्टर की पहल से छात्रों में विश्वास है कि जिला कलेक्टर द्वारा इस शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेना और तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कराना, यह दर्शाता है कि प्रशासन छात्रों के भविष्य और सुविधाओं के प्रति कितना गंभीर है। इस ऊर्जस्वी कार्यशैली के परिणामस्वरूप अब SC, ST, और OBC छात्रावासों में व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए जल्द ही पृथक फंड का निर्धारण एवं आवंटन किए जाने की उम्मीद है।

प्रवेश कुमार जोशी और जिले के छात्रगण आशांवित हैं कि कलेक्टर सर की निगरानी में ये छात्रावास जल्द ही मानक स्तर के बन जाएंगे और उन्हें सम्मानजनक एवं प्रेरणादायक वातावरण प्राप्त होगा।

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