कोरबा: चोरी के शक में दो लोगों को बांधकर डंडों से पीटा; तीन आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक कोयला खदान क्षेत्र में चोरी के प्रयास के आरोप में दो लोगों को बांधकर पीटे जाने का मामला सामने आया है। स्थानीय पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक निजी कंपनी के दो सुरक्षा गार्डों समेत चार लोगों ने कथित रूप से चोरी के आरोप लगाकर दो लोगों को खंभे से बांधकर लाठी-डंडे से बेदम पीटा।

दोनों पीड़ितों को कथित तौर पर एक टिन शेड के नीचे अलग-अलग बांधा गया है। इसके साथ ही उनकी डंडों से पीटा जा रहा है। क्लिप में पीटे जा रहे अधेड़ शख्स के कपड़े फटे हुए हैं और उसे चीखते-चिल्लाते और रहम की भीख मांगते सुना जा सकता है।

वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में मिली पीड़ित की शिकायत और वीडियो के आधार पर घटना में शामिल चार आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

शिकायत के अनुसार, पीड़ितों की पहचान सुभाष राम सिदर (55) और हीरा बहादुर (40) के रूप में हुई है, जो कोरबा शहर के मूल निवासी हैं। कुसमुंडा पुलिस थाने के थाना प्रभारी लीलाधर राठौर ने बताया कि कुसमुंडा कोयला खदान क्षेत्र में दोनों पीड़ितों को 17 सितंबर की दोपहर चारों आरोपियों ने एक रेलवे क्रॉसिंग के पास रोक लिया था। पीड़ित एक खदान से ‘विश्वकर्मा पूजा’ की रस्में देखने के बाद घर लौट रहे थे।

उन्होंने कहा कि आरोपियों में से दो आरोपी खनन क्षेत्र में निर्माण कार्य से जुड़ी एक कंपनी के निजी सुरक्षा गार्ड थे, जबकि दो अन्य उनके सहयोगी थे। आरोपियों ने सुभाष और हीरा पर खदान से लोहे का सामान चुराने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। जब दोनों ने आरोप से इनकार किया, तो उन्होंने कथित तौर पर उन्हें अलग-अलग बांधकर डंडों से बेरहमी से पिटाई की।

उन्होंने बताया कि अगले दिन सिदर ने कुसमुंडा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। घटना के वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई और उनमें से तीन, राजेश सिंह राजपूत (53), गोवर्धन कुमार साहू (29) और अशोक कुमार कश्यप (46) को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएचओ ने कहा कि चौथे आरोपी की तलाश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि आरोपियों पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। इस बीच कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने सोमवार को घटना की जांच के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और पैनल को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

 

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