रायपुर – द.पू.मध्य रेलवे, रायपुर मंडल के भिलाई में ‘‘उत्कृष्टता केंद्र ’’ का उद्घाटन रामेन्द्र कुमार तिवारी, प्रधान मुख्य विद्युत् अभियंता/ द.पू.म.रेलवे के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ । इस गरिमामयी उद्घाटन समारोह में दयानंद, मंडल रेल प्रबंधक /द.पू.म.रेलवे,रायपुर मंडल, जी.सी. सोलंकी, मुख्य विद्युत् अभियंता(परिचालन) /द.पू.म.रेलवे, अनुराग तिवारी, वरि.मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन)/ द.पू.म.रेलवे, रायपुर मंडल एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी की उपस्थिति रही ।
उत्कृष्टता केंद्र की उद्देशिका:-
वर्तमान में चालकदल कर्मियों को 3 साल में प्रशिक्षण कराया जाता है तथा साथ में CLI के द्वारा लगातार परामर्श (Counseling) कि जाती है । परन्तु परिचालन के दौरान लोको में होने वाले Trouble तथा समय समय पर लोको में की जाने वाली Modification के सम्बन्ध में जानकारी देने हेतु उत्कृष्टता केंद्र भिलाई में 50 प्रशिक्षुओं की क्षमता के 2 Class Room है जिसमे, कंप्यूटरीकृत Digital Display Board के द्वारा प्रक्षियन लगाया गया है तथा अन्य मंडलों से आने वाले पुरुष एवं महिला प्रशिक्षुओं के भोजन एवं रहने के लिए अलग-अलग सर्वसुविधायुक्त आवास की व्यवस्था की गयी है।
इस प्रशिक्षण केंद्र का प्रमुख ध्येय भारतीय रेल में दिन प्रतिदिन हो रहे लोकोमोटिव के आधुनिक प्रणालियों के विकास की व्यावहारिक जानकारी चालक दल कर्मियों को प्रदान करके , उनकी दक्षता को बढ़ाने हेतु , दो एवं त्रि-दिवसीय कॉन्फिडेंस बिल्ड-उप कोर्स -1. ऑपरेशन व ट्रबल शूटिंग (3 फेज लोको ), 2. ऑपरेशन व ट्रबल शूटिंग (9000 एचपी लोको), 3. डीजल ट्रैक्शन (जीई लोको) 4. ऑपरेशन व ट्रबल शूटिंग (डब्लूएजी-12 लोको), 5. ऑपरेशन व ट्रबल शूटिंग (मेमू ), 6. विभिन्न ब्रेक प्रणाली (3 फेज लोको ), 7. ऑपरेशन व ट्रबल शूटिंग (कन्वेंशनल लोको ) 8. इम्प्रूवमेंट ऑफ़ ड्राइविंग स्किल 9. एनहांसमेंट ऑफ़ स्किल (लोको इंस्पेक्टर) इत्यादी का संचालन किया जायेगा । जिससे वे लोको कि जटिल उपकरणों को समझ सकें, खराबियों की पहचान कर सकें और ट्रेनों के संचालन को अधिक सुरक्षित और कुशल बना सकें ।
‘‘उत्कृष्टता केंद्र भिलाई ’’ में सालना 1551 चालक दल कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा | इस केंद्र की प्रमुख विशेषताओं में से एक है सभी प्रकार की लोकोमोटिव जैसे डब्लूएजी-9, डब्लूएजी-7, डब्लूडीजी-4 एवं मेमू के बोगियों को खुले और सुलभ रूप से एक पार्क में प्रदर्शित किया गया है । इस अनोखी व्यवस्था से चालक दल सदस्यों को बोगी के उन हिस्सों को देखने की सुविधा प्रदान होती है, जो सामान्य संचालन के दौरान दिखाई नहीं देते। बोगी के प्रत्येक भागों को उनके नाम, कार्य, निरीक्षण बिंदु और सामान्य खराबी प्रकारों के साथ नामांकित किया गया है। यह व्यावहारिक तरीका चालक दल कर्मियों की तकनीकी समझ और दक्षता को उल्लेखनीय रूप से बेहतर बनाने में सहायक होगा ।