जैजैपुर। शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे व्यापक परिवर्तनों की बारीक समझ और समग्र विकास के दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए संस्कार इंग्लिश मीडियम स्कूल एवं संस्कार सेंट्रल स्कूल जैजैपुर के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या, नवाचार एवं समसामयिक शैक्षणिक विषयों पर आधारित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह कार्यशाला 1 से 3 मई 2025 तक डाइट पेंड्रा, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में संपन्न हुई।
इस प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यशाला का आयोजन डाइट पेंड्रा के प्राचार्य जे.पी. पुष्प जी के नेतृत्व में किया गया, जिनकी दूरदर्शिता एवं सशक्त मार्गदर्शन के चलते राज्य में पहली बार अशासकीय संस्थाओं के लिए इस विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का संचालन SCERT रायपुर के वरिष्ठ मास्टर ट्रेनर्स द्वारा किया गया।
कार्यशाला के प्रमुख आकर्षण रहे:
डॉ. बी.डी. दिवान एवं सुमित पाण्डेय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, फाउंडेशन स्टेज, ब्लूम्स टैक्सोनॉमी, मूल्यांकन एवं अधिगम विधियों पर विस्तृत प्रस्तुति।
एस.के. नोनिया द्वारा सतत् विकास लक्ष्य, 21वीं सदी के कौशल एवं समग्र विकास के आयामों पर सारगर्भित व्याख्यान।
आर.के. जलतारे, आरती ठाकुर, कविता देवांगन एवं सुमित पाण्डेय ने ECCE, FLN, भाषा कौशल, गणित शिक्षण, अवचेतन मन की शक्ति और नवाचार आधारित श्रेष्ठ शैक्षणिक अभ्यासों पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की रणनीतियों, शिक्षण की आधुनिक विधियों, एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास से जोड़ना रहा। कार्यशाला में नवाचार के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार और शिक्षक दक्षता में वृद्धि पर विशेष बल दिया गया।
संस्कार स्कूल जैजैपुर से एन.एस. खुराना, सुरेंद्र रत्नाकर, डमरूधर देहारी, देव लहरे, पंकज साहू एवं प्रदीप साहू सहित कुल पाँच शिक्षक-शिक्षिकाओं ने इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण में भाग लेकर संस्था का गौरव बढ़ाया। कार्यक्रम में डाइट पेंड्रा के प्राचार्य, उप प्राचार्य, समस्त स्टाफ सहित अन्य जिलों से आए अनेक अशासकीय संस्थाओं के संचालक, प्राचार्य एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी सहभागिता निभाई।
यह कार्यशाला निःसंदेह प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण एवं नवोन्मेषी शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।