भाजपा- कांग्रेस में अग्रवाल समाज को विधानसभा चुनाव में पर्याप्त टिकट नहीं मिलने से समाज नाराज, दोनों ही राजनीतिक दलों को हो सकता है नुकसान, रायपुर दक्षिण से कन्हैया की टिकट काटने की तैयारी तो वहीं गौरीशंकर की कट सकती है कसडोल से टिकट

सक्ति- नवंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां पूरे प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है, तथा भाजपा ने जहां अपने पचासी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है किंतु इस लिहाज से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में भाजपा ने भी 85 सीटों में से केवल दो-तीन ही अग्रवाल समाज के उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं, तो वहीं कसडोल विधानसभा से पहले विधायक रहे एवं भाजपा के दिग्गज नेता गौरीशंकर अग्रवाल की आज पर्यंत तक टिकट फाइनल नहीं हुई है, तो वहीं रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के युवाओं के प्रेरणास्रोत अग्रवाल समाज के वरिष्ठ कन्हैया अग्रवाल की भी टिकट काटने की संभावनाएं बताई जा रही है, तथा कन्हैया अग्रवाल ने 2018 के चुनाव में जहां कांग्रेस को अपनी मेहनत से एक अच्छे परिणाम दिए थे

तथा 2018 के बाद से 2023 तक में निरंतर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रूप से पार्टी का कार्य करते रहे तथा लोगों के सुख-दुख एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण में उनका योगदान था, किंतु राजनीतिक हल्को से जो बातें सामने आ रही है उसमें रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से महंत रामसुंदर दास को टिकट देने की बात कही जा रही है, जिससे छत्तीसगढ़ प्रांतीय युवा अग्रवाल मंच ने भी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से अगर कन्हैया अग्रवाल को टिकट नहीं मिलती है तो उसका खामियाजा कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को भुगतना होगा तथा अग्रवाल समाज का युवा वर्ग प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में कहीं ना कहीं कांग्रेस के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करेगा, साथ ही आज छत्तीसगढ़ प्रांतीय युवा अग्रवाल मंच प्रदेश के सभी जिलों में तथा स्थानीय स्तर पर भी सक्रियता के साथ काम कर रहा है, एवं सभी जगह टीम युवा अग्रवाल मंच की पूरे प्रदेश में अग्रणी रूप से कार्य कर रही है

ज्ञात हो की रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के कन्हैया अग्रवाल ने जिस तरह से दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत करने में अपना खून पसीना एक किया है, तो वहीं उन्होंने वर्ष 2003 से 2018 तक तत्कालीन डॉ रमन सिंह की सरकार में भी घोटालेबाजों को सामने लाने में तथा जनहित के मुद्दों को उजागर कर जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण में कोई कसर बाकी नहीं रखी एवं इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला हो या की टोल प्लाजा का मामला, कन्हैया अग्रवाल ने दिल्ली सुप्रीम कोर्ट तक जाकर इस मामले को लेकर मेहनत की तथा जिसके चलते 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया किंतु आज अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद कन्हैया अग्रवाल की टिकट काटने की तैयारी से कहीं ना कहीं कांग्रेस को एक बड़ा नुकसान हो सकता है एवं दक्षिण विधानसभा चुनाव का असर पूरे प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़े नुकसान के रूप में भुगतना होगा

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *