जगदलपुर . घने जंगलों से भरपूर बस्तर में मानसूम की बौछार पढ़ते ही जंगलों और बिलों से जहरीले सांप Poisonous snakes लोगों के बसेरों तक पहुंचते हैं और घरों में गर्माहट की वजह से बसेरा बना लेते हैं. मानसून के वक्त सर्पदंश का मामला बस्तर में बढ़ जाता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2024 के बीते 6 महीनों में पूरे बस्तर संभाग में 10 लोगों की सर्पदंश से मौत हुई है. वहीं 443 लोगों का समय पर इलाज होने से उनकी जान बच गई.
बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में 453 सर्पदंश के मामले सामने आए हैं. इनमें 443 का इलाज समय पर हुआ, जिससे उनकी जान बची, लेकिन 10 लोगों ने अपनी जान गवाई है. बस्तर, दंतेवाड़ा और बिजापुर में 3-3 मरीजों की मौत हुई है. वहीं नारायणपुर में 1 मरीज की मृत्यु हुई है.
सर्पदंश के मामले सबसे अधिक बस्तर जिले में 118 मरीज व बीजापुर जिले में 149 मरीज देखने को मिला है. chhattisgarh मेडिसीन विभाग के डॉ. जॉन मसीह ने बताया कि बारिश के दिनों में सर्पदंश के मरीज अस्पतालों में भर्ती होते हैं. यदि सर्पदंश से पीड़ित मरीज समय पर अस्पताल पहुंच जाते हैं तो मरीजों को एंटी स्नेक वेमन इंजेक्शन देने के बाद वे ठीक हो जाते हैं. बारिश के समय लोग खेतों में काम करते हैं और बाहर बरामदे में आकर सोने की आदत रहती है, जिसके बाद सांप उन्हें आकर कांट लेता है. ग्रामीणों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है