अगर राहुल गांधी में साहस होता तो वे चुनाव में मिली हार को स्वीकार करते: गिरिराज सिंह

नई दिल्ली: दिल्ली में कांग्रेस रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए आपत्तिजनक नारों को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लगातार अभद्र और अत्यंत आपत्तिजनक नारे लगाए जा रहे हैं। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि यह सब एक सोची-समझी राजनीति का हिस्सा है, लेकिन अब देश की जनता सब कुछ समझ चुकी है। अब समय आ गया है जब देश की जनता खुद कह रही है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह की भाषा और नारेबाजी लोकतंत्र की मर्यादाओं के खिलाफ है और इससे कांग्रेस की सोच और संस्कार उजागर होते हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक बयान देकर कांग्रेस अपनी राजनीतिक हताशा दिखा रही है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर भी गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘वोट चोरी’ कांग्रेस की समस्या है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी का अपना अलग ही नाटकीय अंदाज है। राहुल गांधी अपनी हार छिपाने के लिए कहानियां गढ़ते हैं और झूठे आश्वासन देते हैं। जब चुनाव में हार मिलती है तो वे अपनी असफलता स्वीकार करने के बजाय दूसरों पर आरोप मढ़ने लगते हैं।

गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर राहुल गांधी में जरा भी साहस होता तो वे अपनी हार को खुले तौर पर स्वीकार करते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब उमर अब्दुल्ला और एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले भी यही कह रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस या विपक्षी दल महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना या कर्नाटक जैसे राज्यों में जीत हासिल करते हैं, तब वे कभी यह नहीं कहते कि वोट चोरी हुए लेकिन जब हार होती है, तो तुरंत ईवीएम में गड़बड़ी और वोट चोरी का आरोप लगाने लगते हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक ड्रामा करार दिया।

एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले द्वारा विपक्ष के ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज किए जाने पर भी गिरिराज सिंह ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर कभी वोट चोरी हुई भी है तो वह कांग्रेस के शासनकाल में हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दौर में तो बैलेट बॉक्स तक छीने जाते थे। इसी कारण सुप्रिया सुले अब सच्चाई बोल रही हैं और सही बात कह रही हैं।

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