रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को हाउसिंग बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम को लेकर चर्चा हुई। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने प्रश्नकाल में जानकारी दी कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में डिमांड न होने के बावजूद मकान बनाए गए, जिनकी बिक्री नहीं हो पाने के चलते सरकार ने OTS स्कीम लागू की थी। मंत्री ने बताया कि इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिला है। मंत्री चौधरी ने कहा कि सरकार ने अब स्पष्ट नीति बना ली है कि किसी भी परियोजना की 60 फीसदी प्री-बुकिंग होने के बाद ही टेंडर जारी किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 30 फीसदी प्री-बुकिंग होने पर ही प्रोजेक्ट को लॉन्च किया जाएगा।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सवाल के लिखित उत्तर में चौधरी ने बताया कि प्रदेश में दीनदयाल आवास, अटल आवास, अटल विहार और सामान्य आवास योजना के तहत 80,870 मकान बनाए गए, जिनमें से 78,503 मकानों की बिक्री हो चुकी है। अब केवल 2,367 मकान शेष हैं। उन्होंने बताया कि 5 से 10 साल पुराने अविकसित मकानों की बिक्री के लिए लाई गई OTS स्कीम के तहत पहले चरण में 2,506 मकानों का आबंटन किया गया, जिससे 511 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। OTS-2 स्कीम के तहत 995 मकानों का आबंटन हुआ और इससे 147 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। पूर्व मंत्री चंद्राकर द्वारा यह सवाल उठाए जाने पर कि जब मांग नहीं थी, तब मकान क्यों बनाए गए, मंत्री ने स्वीकार किया कि डिमांड नहीं होने के बावजूद मकान बनाए गए, जिससे बोर्ड को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इस नुकसान का ब्योरा अलग से उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार अब नई नीति के तहत बिना मांग के आवास परियोजनाएं शुरू नहीं करेगी और प्री-बुकिंग के आधार पर योजनाएं संचालित की जाएंगी।