उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड को एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक 2025 में शामिल कर शीर्ष 1 प्रतिशत रैंकिंग दी गयी है। यह कंपनी का लगातार 8वां समावेश और शीर्ष 1 प्रतिशत की लगातार दूसरी रैंकिंग है, जो सस्टेनेबिलिटी और रेस्पोसिंबल बिजनेस प्रेक्टिस के प्रति इसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह हिन्दुस्तान जिंक की एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) 2024 में लगातार दूसरे वर्ष दुनिया की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइन कंपनी के रूप में हाल ही में मान्यता के बाद है, जिसमें इसकी परिचालन उत्कृष्टता, नवाचार और ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) पहलों में नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया है। प्रतिष्ठित एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक में शामिल कंपनियों का चयन एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) 2024 में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। इस मान्यता हेतु, कंपनियों को अपने उद्योग के शीर्ष 15 प्रतिशत में रैंक और अपने क्षेत्र में उच्चतम स्कोर वाली कंपनी के 30 प्रतिशत में सीएसए स्कोर हासिल किया है। 62 उद्योगों में मूल्यांकन की गई 7,690 कंपनियों में से केवल 780 कंपनियों ने इस वर्ष की ईयरबुक में स्थान मिला है ।
उल्लेखनीय रूप से, रेस्पोसिंबल और सस्टेनेबल विनिर्माण के अपने दृष्टिकोण के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता ने इसे इस प्रतिष्ठित ईयरबुक के शीर्ष 1 प्रतिशत में शामिल किया है। विशेष रूप से, हिंदुस्तान जिंक 2050 या उससे पहले नेट जीरो हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने जलवायु कार्रवाई रोडमैप में आगे बढ़ते हुए, कंपनी ने आधार वर्ष 2020 की तुलना में ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन तीव्रता में 14 प्रतिशत की कमी हासिल की है, जबकि प्रत्येक वर्ष उत्पादन में वृद्धि हुई है। हिंदुस्तान जिंक 2027 तक अपनी कुल बिजली आवश्यकता के 70 प्रतिशत से अधिक रिन्यूएबल योगदान को बढ़ाने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार कर सस्टेनेबिलिटी की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है और 530 मेगावाट स्रोत के लिए चौबीसों घंटे बिजली वितरण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप, कंपनी वर्तमान में 2.41 गुना वॉटर पॉजिटिव है।