thethinkmedia@raipur
विष्णु के सुशासन पर मुहर
रायपुर नगर दक्षिण के उपचुनाव में भाजपा की जीत लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन इस जादुई आकड़े की उम्मीद न ही भाजपा के नेताओं को थी, न ही खुद सुनील सोनी और बृजमोहन अग्रवाल ने ऐसी जीत की उम्मीद की थी। दोनों दल जातिगत गणित में व्यस्त थे। लेकिन चुनाव परिणाम आते ही पूरी राजनीतिक गणित सिरे से खारिज हो गई, विष्णु के सुशासन पर जनता ने एकतरफा मुहर लगा दी। रायपुर नगर दक्षिण सीट से भाजपा के सुनील सोनी 46 हजार मतों से चुनाव जीत गए। निश्चित ही यह सुशासन वाली विष्णु सरकार की जीत है, मोदी की गारंटी की जीत है। अगले माह विष्णु सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस दौरान छत्तीसगढ़ की एकमात्र सीट में हुए उपचुनाव के परिणाम के आकड़े बताते हैं, कि एक साल के कार्यकाल में जनता के बीच सुशासन वाली विष्णु सरकार का विश्वास और प्रगाढ़ हुआ है।
मैडम भगाओ अभियान
अफसरों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी अब विभागीय राशि न खर्च होने पर चिंता जाहिर करने लगे हैं। दरअसल ई-कुबेर के चलते एक विभाग में अब तक मात्र 15 प्रतिशत बजट राशि खर्च हो पायी है, जिसको लेकर विभाग में जमकर माथापच्ची चल रही है। बजट पेश होने के 8 माह बाद भी इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है। समाधान न होने से अफसरों के साथ जनप्रतिनिधि भी अब इसमें कूद गए हैं, एक साल बाद परफारमेंस जो दिखाना है। निश्चित ही बजट राशि खर्च न होने से अन्य काम भी ठप्प पड़े हुए हैं। एक साल बाद परफारमेंस में क्या दिखाएंगे? इसको लेकर चिंता सताने लगी है। कहते हैं कि ई-कुबेर से पिंड छुटाने मैडम भगाओ तरकीब निकाली गई है। दरअसल इस विभाग का मंत्रालयीन दायित्व दो महिला अफसरों के पास है। कहा जा रहा है कि वह ऑनलाइन भुगतान और पारदर्शिता से बिलकुल समझौता करने के मूड में नहीं हैं, ऐसे में विभाग के अन्दर कोहराम मचा हुआ है। सुनने में आ रहा है कि ई-कुबेर से तंग आकर विभागीय मंत्री भी अब मैडम भगाओ अभियान में जुट गए हैं, खैर सच क्या है? यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेगा।
बाजीगर ओपी
हारकर भी जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं। वर्तमान परिदृश्यों में यह डायलॉग राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के उपर एकदम फिट बैठते दिख रहा है। दरअसल ओपी को हारकर भी जीतने की लत लग गई है, निश्चित ही ओपी बाजीगर हैं। जीतने की लत तभी पूरी हो सकती है, जब आप परिणाम की चिंता किए बिना डटकर मेहनत करें। सम्भवत: ओपी चौधरी भी अब तक यही करते आये हैं। परिणाम जो भी हो, वह जी तोड़ मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटते। झारखण्ड के विधानसभा चुनाव में राज्य के कई नेताओं को जिम्मेवारी सौंपी गई थी। जिसमें वित्त मंत्री ओपी चौधरी का भी नाम शामिल है। चुनाव के दौरान ओपी छत्तीसगढ़ में होने वाले बड़े से बड़े आयोजनों में शामिल नहीं हो सके, लेकिन वह झारखण्ड में डटे रहे। झारखणड में एनडीए को भले ही बहुमत न मिली हो, लेकिन ओपी चौधरी को सौंपी गई जिम्मेदारी में वह शत-प्रतिशत खरे उतरे। दरअसल ओपी को हजारीबाग की जिम्मेदारी सांैपी गई थी। हजारीबाग की 7 सीटों में से भाजपा 6 सीट को जीतने में कामयाब रही। यहीं नहीं इसके पहले भी ओपी चौधरी ने जब आईएएस से इस्तीफा दिया, तब भी उन्हें खरसिया से प्रत्यासी बनाया गया था। ओपी भली-भंाति जानते थे कि खरसिया कांग्रेस की परंपरागत सीट है, जीत की उम्मीद कम है, तब भी वह डटे रहे, लगे रहे। खरसिया से चुनाव हारे, तब भी वह हालातों से जूझते रहे। फाइनली अगले विधानसभा चुनाव में वह रायगढ़ से चुनाव जीतकर वर्तमान में राज्य के केबिनेट मंत्री हैं। इसीलिए ओपी को बाजीगर कहा जाने लगा है।
कल्लूरी और प्रदीप भी रेस में

राज्य में नए डीजीपी को लेकर एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि इसके लिए विभागीय प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा को दिए गए एक्सटेंशन की समयावधि फरवरी 2025 में पूरी हो जाएगी। ऐसे में 3 माह पहले नए डीजीपी के पैनल लिए प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। अभी तक डीजीपी की रेस में तीन अफसर प्रबल दावेदार थे, जिसमें आईपीएस अरुणदेव गौतम, हिमांशु गुप्ता और पवनदेव के नाम शामिल थे। लेकिन यदि पांच नामों के पैनल भेजे जाते हैं, तो ऐसे में आईपीएस कल्लूरी भी डीजीपी के दावेदार होंंगेे। इसके साथ ही आईपीएस प्रदीप गुप्ता का नाम भी पैनल में शामिल हो सकता है। बहरहाल पैनल में तीन अफसरों के नाम भेजे जाएंगे या फिर 5 अफसर डीजीपी की रेस में शामिल होंगे, इसका खुलासा तो आने वाले समय में ही हो सकेगा।
दो नहीं, तीन मंत्रियों के शपथ की चर्चा?
राज्य की एक मात्र सीट रायपुर नगर दक्षिण के उपचुनाव में जनता ने विष्णु के सुशासन पर मुहर लगा दी है। अब निकाय चुनाव की घोषणा होने के पहले विष्णु मंत्रीमंडल के विस्तार की संभावना बढ़ गई है। वर्तमान में विष्णु सरकार में दो मंत्री पद रिक्त हैं, जिस पर नए नामों का ऐलान होना है। इसके साथ ही एक मंत्री को रिप्लेस करने की खबरें फिर उडऩे लगी हैं। कहा जा रहा है कि वर्तमान मंत्री को हटाकर उसी समाज से आने वाले एक तेजतर्रार पूर्व मंत्री को केबिनेट में जगह मिलने की सम्भावना बन रही है। यह दोनों नेता एक ही सम्भाग और एक ही समाज से आते हैं, ऐसे में वर्तमान मंत्री को ड्राप किए बिना वेटिंग इन मंत्री का नम्बर लग पाना संभव नहीं है। इसलिए एक मंत्री के रिप्लेस करने की खबरों से इनकार भी नहीं किया जा सकता। दरअसल बृजमोहन अग्रवाल सांसद बन चुके हैं, शिवरतन शर्मा भी विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में सरकार को डिफेंस करने वाले एक आक्रामक लीडर की आवश्यकता महशूस होने लगी है। जिसके कारण दो नहीं, तीन मंत्रियों के शपथ की चर्चाएं हो रही हैं।
नेताम के बाद रजवाड़े भी

राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए। बेमेतरा से रायपुर लौटते वक्त उनके वाहन को पिकअप ने जबरजस्त ठोकर मार दी। घायल मंत्री को राजधानी रायपुर लाया गया, हाथ की कलाई में फैक्चर हुआ, इसके अलावा भी नेताम को गंभीर चोटें आई, खैर अब नेताम खतरे से बाहर हैं। लेकिन एक दिन बीतते ही महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े सड़क हादसे की शिकार हो गईं। कहते हैं कि लक्ष्मी की गाड़ी एक ट्राला को बचाने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हांलाकि महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े को कोई गंभीर चोट नहीं आई। लेकिन लगातार मंत्रियों के सड़क दुर्घटना के शिकार होने से प्रशासन परेशान और हैरान है।
editor.pioneerraipur@gmail.com