द्वितीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने की ओपीजेयू की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सराहना- 738 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां
रायगढ़.ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन राज्यपाल सुश्रीअनुसुइया उइके के मुख्य आतिथ्य में सोमवार को किया गया। आयोजन में राज्यपाल के साथ ही छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन उमेश मिश्रा,विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं जेएसपी फाउंडेशन की चेयर पर्सन शालु जिंदल, जेएसपी के प्रबंध निदेषक बिमलेन्द्रझा, जेएसपीरायगढ़ के कार्य पालन निदेषक सब्यसाची बंदोपाध्याय एवं ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुल पति डॉ. आर.डी. पाटीदार ने इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और साइंस विषय के कुल 738 मे धावी विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं।


रायगढ़ जिले के पूंजी पथरास्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह ओपीजिंदल विद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने अपने संबोधन में सभी विद्यार्थियों एवं उनके परिवार को बधाई देते हुए कहा कि ’रायगढ़ में प्रसिद्ध उद्योगपति ओपी जिंदलजी के नाम पर स्थापित यह संस्थान बेहद कम समय में छत्तीसगढ़ ही नहीं, वरन् पूरे देश के शिक्षाजगत में अपनी साख स्थापित कर चुका है।’ उन्होंने इस बात पर ख़ुशी व्यक्त की कि ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में 20 सेअधिकराज्यों के विद्यार्थी बेहतर शिक्षा हासिल कर रहे हैं। देष के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले विद्यार्थियों को इससे एक-दूसरे की संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है, जो राष्ट्रीय एकता के लिए आवश्य्क है।ओपीजेयू में रिसर्च, एनालिसिस एवं पब्लिकेशन की में बेहतर काम हो रहा है।
सुश्री उइके ने युवा ओंका आह्वान करते हुए उन्हें अपनी क्षमता का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा कि जीवन मेें जो करें, देश हित को हमेशा सबसे आगे रखना चाहिए। युवाओं से देश को बड़ी उम्मीदें हैं और इसे आप सभी को ही पूरा करना है। अपने उद्बोधन में उन्होंने छात्र नेता से राज्य पालत क के अपने सफर के बारे में भी प्रेरक जानकारी दी।राज्यपाल ने देश की नयी राष्ट्रीय शिक्षानीति की सराहना करते हुए बताया कि इससे युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही उनमें उद्यमशीलता को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि ओपी जिंदल विश्वविद्यालय,उत्कृष्टता के शिखर की ओरअपनी यह यात्रा सतत जारी रखेगा।


ओपीजिंदल की कुलाधिपति एवं जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन शालु जिंदल ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस ख़ुशी में विद्यार्थियों की अपनी मेहनत के साथ ही उनके परिवार और दोस्तों का भीबड़ा योगदान है।उन्होंने बताया ओपी जिंदल समूह के संस्थापक बाबूजी ओमप्रकाश जिंदल और जेएसपी के चेयरमैन नवीन जिंदल ने रायगढ़ में विश्वस्तर शिक्षा संस्थान स्थापित करने का सपना देखा था, ताकि यहां के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूरक शिक्षा का अवसर हासिल हो सके। इसी सपने को पूरा करने के उद्द्शेयसे एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में ओपीजेआईटी की स्थापना की गयी। उन्होंने ख़ुशी जताई कि कुछ ही वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेज ने प्रख्यात विश्वविद्यालय के रूप में राज्य ही नहीं, पूरे देश में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर ली है।उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि उपाधि हासिल करने के बाद कुछ छात्र आगे की पढ़ाई करेंगे और कुछ अपने करियर का रास्ता चुन लेंगे। हर जगह उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा। इन चुनौतियों से जीतने के लिए सीख ने का क्रम हमेशा जारी रखना होगा।
इससे पहले ओपीजेयू के कुलपतिडॉ. आर.डी. पाटीदार ने सभी अतिथियों का दीक्षांत समारोह में स्वागत करते हुए विश्वविद्याल का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि स्थापना के 7 वर्षों में ही यूनिवर्सिटी में 20 से अधिक राज्यों के 1800 से अधिकविद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। संस्थान का प्लेसमेंट 85 प्रतिशत से अधिक है और इनमें से तकरीबन 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को 10 लाख रूपये से अधिक का पैकेज देश की जानी-मानी कंपनियों से कैंपस में मिला है। उन्होंने विश्वा सजताया कि जल्द ही ओपी जेयूकोनैकसे ए-प्लससर्टिफिकेशन हासिल हो जाएगा। दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 738 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयीं। इनमें 31 स्वर्ण, 28 रजतऔर 27 कांस्यपदक शामिल हैं। इस दौरान ओपी जिंदल विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य, विद्यार्थी एवं उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।