तिल्दा नेवरा वार्ड क्रमांक 22 के गौठान चारा पानी की व्यवस्था नहीं है भूख में बिलखते हुए गाय एवं उनके बछड़े

पालिका प्रशासन के सुस्त रवैया के कारण गौठान में गौपालक किसानों से गोबर की खरीदी भी नहीं की जा रही है

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी तिल्दा नेवरा में दम तोड़ती हुई नजर आ रही है नगर पालिका प्रशासन की उदासीनता के कारण वार्ड क्रमांक 22 स्थित गौठान में गायों को तो रख दिया गया है लेकिन उनके चारा पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है पिछले वर्ष भी दर्जनों के हिसाब से गायों की मृत्यु हुई थी जिसका कोई सुध लेने वाला नहीं था छत्तीसगढ़ सरकार ने लाखों रुपए खर्च करके गौठान का निर्माण कराया है तिल्दा नेवरा का गौठान शुरुआत से ही सुर्खियों पर था निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई जैसे तैसे करके गौठान का तो निर्माण हो गया उसके बाद भी यह विवादों के लिए सुर्खियों में बना रहा गोबर खरीदी में भी लाखों रुपया की हेराफेरी की गई है जिसके चलते पूर्व में कार्य कर रहे महिला समूह को स्थान पर दूसरे समूह को कार्य दिया गया है लेकिन जो पूर्व में कार्य कर रहे थे उन महिला समूह का कहना है कि कुछ लोगों के द्वारा राजनीति करके हमारे समूह को कार्य से पृथक किया गया है और अपने चहेते लोगों को कार्य पर रखा गया है एक तरफ आवारा पशुओं के नाम से किसान त्रस्त है किसानों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन आवारा पशुओं के लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है जिससे किसानों के फसलों का भारी भरकम नुकसान हो रहा है अगर नगर पालिका प्रशासन चाहती तो आवारा पशुओं के चारा पानी की व्यवस्था कर सकती थी सूत्रों का कहना है कि गौठान में गाय की चारा एवं उनके रखरखाव के लिए अलग से बजट का प्रावधान रहता है लेकिन आज तक नगर पालिका प्रशासन के द्वारा गायों की चारा पानी के लिए राशि का व्यवस्था नहीं की गई है इधर गौपालक किसानों का कहना है की जब से नया समूह कार्यभार संभाले हैं तब से गौपालक किसानों को लगातार परेशान किया जा रहा है

छत्तीसगढ़ सरकार की योजना है कि किसानों के आय को बढ़ाने के लिए किसानों से गोबर का खरीदी किया जाता है लेकिन तिल्दा नेवरा वार्ड क्रमांक 22 के गौठान में किसानों को लगातार गुमराह कर के बिना कोई सरकारी आदेश के पालिका प्रशासन अपनी मनमानी करके उन लोगों के गोबर को नहीं खरीद रही है जिससे गौपालक काफी आक्रोशित हैं एवं लगातार नगर पालिका प्रशासन को कोस रहे हैं कि हमेशा नगर पालिका प्रशासन के द्वारा गौपाल को को कभी उन लोगों के द्वारा लाए गए गोबर की पूर्ण खरीदी नहीं की जाती है कभी बोलते हैं कि 20 किलो लाना कभी बोलते हैं कि 35 किलो लाना छत्तीसगढ़ सरकार के नियमानुसार जिस किसान के पास जितना गोबर है उसको पूर्ण रूप से खरीदना है लेकिन तिल्दा नेवरा में इसका पालन नहीं किया जा रहा है जिस कारण छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना दम तोड़ते हुए नजर आ रही है

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *