87 लाख का गोल्ड लोन घोटाला, जमा किए जेवरात नकली थे

यूपी। आगरा में गोल्ड लोन घोटाला हुआ है। मुंबई की केप्री ग्लोबल कैपीटल कंपनी में नकली सोना रखकर 37 लोन पास कराए गए। ऑडिट में राज खुले। शाखा प्रबंधक और तीन कर्मचारी इस खेल में मिले हुए थे। रीजनल मैनेजर ने मुकदमा लिखाया है। गिरवी सोने में तांबा अधिक है। कंपनी को करीब 87 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। सिकंदरा पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शाखीपुरम में केप्री ग्लोबल कैपीटल की शाखा है। कंपनी के रीजनल मैनेजर अमरीश श्रीवास्तव ने इस संबंध में डीसीपी से शिकायत की थी। उन्हें बताया कि नकली सोना गिरवी रखकर 37 लोन पास किए गए। ऑडिट में जानकारी हुई कि कंपनी को चूना लगाया गया है।

विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि शाखा प्रबंधक अजय प्रताप सिंह, कर्मचारी रोहित उपाध्याय, अर्जित सिंह जादौन और हरीमोहन सिंह इस खेल में शामिल हैं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और गबन की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें 19 ग्राहक भी नामजद हैं। पुलिस को प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि गोल्ड लोने देने वाली कंपनियां किसी सराफा व्यापारी को सोने की गुणवत्ता की जांच के लिए अधिकृत करती हैं। केप्री ग्लोबल कैपीटल में आने वाले ग्राहकों के सोने की जांच कौन करता था इसका खुलासा विवेचना के दौरान होगा।

इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। नकली सोना रखकर ऋण बिना कर्मचारियों की मिलीभगत के संभव ही नहीं है। पुलिस सबसे पहले मैनेजर और आरोपित कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाएगी। साक्ष्यों के आधार पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद एक-एक करके ग्राहकों की तलाश शुरू की जाएगी। अजय प्रताप सिंह, रोहित उपाध्याय, हरिमोहन, अर्जित सिंह जादौन, ग्राहक अलताब अली, अंकित गर्ग, चेतन परिहार, देवेश गौतम, धर्मेंद्र सारस्वत, डिपल जैन, मनीष कुमार त्यागी, पुष्पेंद्र कुमार, रजनीश प्रताप सिंह, रवि कुमार, रविंद्र कपूर, सन्नी पाराशर, सौरभ शर्मा, शमशाद अली, सुमित उप्रेती, सुशील हरी, विजय कुमार गुप्ता, विशाल सदाना।

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