शिमला। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग द्वारा परिवार रजिस्टर सर्वेक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों के सदस्यों और उनके पशुधन का डिजिटल रिकार्ड तैयार करना है, जिससे उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त हो सके। पंचायती राज विभाग द्वारा 76 लाख ग्रामीण नागरिकों का आधार आधारित सत्यापन करने का लक्ष्य रखा गया है। पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने बताया कि यह सर्वेक्षण पंचायती राज विभाग द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। पंचायती राज विभाग द्वारा आम लोगों की सुविधा के लिए परिवार रजिस्टर को ऑनलाइन कर दिया गया है। इस सर्वेक्षण में हर परिवार के सभी सदस्यों का विवरण ऑनलाइन परिवार रजिस्टर में लिया जाएगा और उनकी पहचान को आधार सत्यापित किया जाएगा। राघव शर्मा ने बताया कि अभी तक 24.34 लाख सदस्यों का आधार आधारित सत्यापन हो चुका है, जबकि 51.66 लाख लोगों का सत्यापन शेष है।
आधार से लिंक होगा परिवार रजिस्टर, ग्रामीणों क्षेत्रों में होगा सर्वेक्षण
हर सदस्य का आधार कार्ड द्वारा ओटीपी या फेस स्कैन के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। राशन कार्ड को परिवार से जोड़ा जाएगा, जिससे सभी सदस्यों की जानकारी एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी। राघव शर्मा ने बताया कि यह सर्वेक्षण नागरिकों को सरकारी योजनाओं जैसे राशन कार्ड, बीपीएल, पेंशन, आवास योजना आदि का लाभ प्राप्त करने में सहायक होगा। आधार आधारित सत्यापन से सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थी तक पहुंच सकेगा। सभी विभागीय योजनाओं में परिवार रजिस्टर का डाटा उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में पशुधन गाय, बैल, भैंस आदि का भी पंजीकरण किया जाएगा, जिससे बेसहारा छोड़े गए पशुओं की पहचान और रिकार्ड रखना संभव होगा। पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने लोगों से अपील की है कि आपकी दी गई जानकारी पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी और केवल सरकारी योजनाओं के उपयोग हेतु प्रयुक्त की जाएगी। ग्राम पंचायत सचिव का सहयोग करें और इस सर्वे को सफल बनाएं।