आंख के मरीज भटक रहे, जिला अस्पताल में अव्यवस्था

जांजगीर-चांपा। जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में अब विजन जांच और चश्मा नंबर जांच बस हो पा रही है। आपरेशन और आंखों से संबंधित बीमारी होने पर मरीजों को रेफर करना मजबूरी हो गई है। अस्पताल प्रबंधन के सामने भी बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसे में डाक्टर नहीं होने से आंखों से संबंधित बीमारी व मोतियाबिंद आपरेशन के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में एक बार फिर से अंधेरा छा गया है।

नेत्र सर्जन डा. निशांत पटेल के बाद अब दो साल की बांड अवधि में पदस्थ डा. निकिता खेस की भी सेवा अवधि पूर्ण हो गई। उनके जाने के बाद जिला अस्पताल का आई वार्ड सर्जन विहीन हो गया और आंखों से संबंधित बीमारी के इलाज पर ब्रेक लग गया है। हालांकि डॉ. निकिता खेस को यहां स्थायी रूप से वापस लाने अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन के जरिए शासन को चिट्ठी भी भेज दी है। लेकिन अब यह शासन के हाथ में है कि उनकी नियुक्ति यहां होगी है या नहीं। क्योंकि इससे पहले जिला अस्पताल में नेत्र सर्जन डा. निशात पटेल को भी दो साल के बांड में यहां आए थे जिनकी सेवा अवधि पूरी होने पर चिट्ठी पत्री भेजी थी। लेकिन वापसी नहीं हुई। ऐसे में जब तक नेत्र सर्जन नहीं आएंगे तब तक जिला अस्पताल के नेत्र विभाग से अंधेरा दूर नहीं हो पाएगा।

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