जिला स्तरीय राज्योत्सव पर आयुष विभाग द्वारा विगत 25 वर्षों में की गयी उपलब्धियां की लगाई प्रदर्शनी स्टाल

आयुष चिकित्सा पद्धति से 473 रोगियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर प्रदान की गई औषधि

जशपुरनगर / छ.ग. राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर पूरे प्रदेश में मनाए जा रहे राज्योत्सव के अंतर्गत जशपुर जिला मुख्यालय के रणजीता स्टेडियम में जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयुष विभाग द्वारा जिला आयुष अधिकारी जशपुर के मार्गदर्शन में विभागीय प्रदर्शनी एवं स्टाल लगाया गया।
प्रदर्शनी में आयुष विभाग द्वारा विगत 25 वर्षों में की गयी उपलब्धियां, आयुष विभाग की विभिन्न योजनाएं एवं गतिविधियां तथा आयुष संस्थाओं में उपलब्ध पंचकर्म सुविधाएं, तथा शुष्क द्रव्यों को प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त रोगियों का आयुष चिकित्सा पद्धति से निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर औषधि प्रदान किया गया। जिसके अंतर्गत आयुर्वेद पध्दति से 315 होम्योपैथी पद्धति से 158 कुल 473 रोगियों का उपचार किया गया।
आयुष विभाग द्वारा प्रदर्शनी के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां एवं योजना जैसे सियान जतन क्लीनिक योजना, राष्ट्रीय कार्यक्रम वयोमित्र, राष्ट्रीय कार्यक्रम एनीमिया, राष्ट्रीय कार्यक्रम कुपोषण, राष्ट्रीय कार्यक्रम ऑस्टियो आर्थराइटिस एवं मस्कुलो स्क्लेटल डिसआर्डर, राष्ट्रीय कार्यक्रम आयुर्विद्या, हाट बाजार, आयुष मोबाइल मेडिकल यूनिट, जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर एवं विभिन्न उपलब्धियां की जानकारी दी गयी। विभाग की ओर से आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक सम्बन्धित ब्रोशर जैसे प्रचार प्रसार सामग्री का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त आयुष संस्थाओं में किये जा रहे पंचकर्म सुविधाएं जैसे कटिवस्ति, नस्य, सर्वांग स्वेद, शिरोधारा का लाईव डिमांसट्रेशन किया गया। जिसे माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्रीश्याम बिहारी जायसवाल जी के द्वारा स्टाल का निरीक्षण के दौरान अत्यन्त सराहना दिया गया। राज्योत्सव में आयुष विभाग द्वारा लगाये प्रदर्शनी के कार्यसंपादन के प्रभारी डा. एल.आर. भगत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, सहायक प्रभारी डॉ. हरिकृष्ण श्रीवास आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डा. दीपक एक्का विशेषज्ञ चिकित्सक, डा. शशि भूषण सिंह होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी, डा. निकिता मिंज, डा. ऋतम्भरा प्रज्ञा पैंकरा, डॉ. पूजा भगत, डॉ. रंजीत गुरू, डॉ. कपिल श्रीवास्तव, डॉ. अक्षय साहू, शरद साहू, सुशील भगत इत्यादि अधिकारी एवं कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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