आबादी भूमि घोषित ना होने से पक्के मकान का सपना अधूरा

तिल्दा नेवरा समीपस्थ वार्ड क्रमांक दो के निवासी 40 -50 सालों से निवासी होने के बावजूद गरीबी के कारण कच्चे मकानों में ही निवासरत है। इनके लिए केंद्र शासन के द्वारा पक्का मकान बनाने के लिए जो योजना लाई गई है वह शासन के राजस्व विभाग में पदस्थ लोगों के द्वारा अंकित करने की चुक से इन गरीबों का सपना अधूरा रह गया है। शहर के वार्ड क्रमांक 2 सासाहोली के निवासी पक्के मकान का सपना लेकर केंद्र शासन के योजना के अंतर्गत फार्म जमा करके उस योजना का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। इसके लिए नगर पालिका एवं तहसील कार्यालय तिल्दा में शासकीय दस्तावेज में अंकित शासकीय भूमि होने के कारण इनका नाम योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है। बताया जाता है कि जिनको भी शासन पर जमीन बनाना है उसके लिए वह जमीन शासकीय आबादी भूमि घोषित होना चाहिए जबकि वर्तमान में b1 की नकल और खसरा में केवल शासकीय भूमि अंकित है। आबादी भूमि घोषित नहीं होने के कारण सासाहोली के 40 -50 परिवारों को पक्के मकान के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है । इसके लिए वे लगातार शासन प्रशासन के पास जाकर इसे दस्तावेज में सुधारने का आग्रह कर चुके हैं परंतु इसके बावजूद भी अभी तक शासन के दस्तावेज में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इसके लिए सासाहोली क्षेत्र के नागरिक एवं पूर्व पार्षद तथा भाजपा मंडल अध्यक्ष ईश्वर यदु एवं भाजपा महामंत्री सौरभ जैन,पार्षद सतीश निषाद, विनोद नेताम, प्रेम कोसले, शेखर यदु के नेतृत्व में राजस्व विभाग के तहसील कार्यालय में अपना आवेदन लेकर घंटों बैठे रहे।बाद में उनके आवेदन को तहसीलदार ज्योति मसियारे की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार नितिन पटेल को सौंपा गया । जिन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द दस्तावेज में उल्लेखित शासकीय भूमि के स्थान पर शासकीय आबादी भूमि दर्ज करने के लिए वे लोग प्रयास करेंगे।

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