नई शिक्षा नीति पर चर्चा- बाराद्वार के प्रतिष्ठित विद्याभूमि स्कूल में नई शिक्षा नीति पर आधारित कार्यशाला का हुआ आयोजन, दिल्ली से प्रतीक दुबे एवं शिवेंद्र प्रताप सिंह रहे मौजूद

सक्ति-विद्याभूमि इंग्लिश मिडियम स्कूल बाराद्वार में दिनांक 29 जून को विद्याभूमि स्कूल परिसर में नई शिक्षा नीति पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को उदबोधित करने के लिए प्रतिक दूबे एसोसिएट मार्केट एडिटर नई दिल्ली एवं शिवेन्द्र प्रताप सिंह सिनीयर एरिया मैनेजर बिलासपुर थे,इस कार्यशाला का शुभारम्भ विद्याभूमि स्कूल के डारेक्टर शरद कुमार केडिया ने पुष्प गुच्छ से प्रतिक दूबे का स्वागत कर किया तत्पश्चात विद्याभूमि स्कूल के प्रिंसिपल अजीत प्रधान के द्वारा शिवेन्द्र प्रताप सिंह का पुष्प गुच्छ से स्वागत कर किया। उसके बाद कार्यशाला का संचालन प्रतिक दुबे के द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के लाभ के संबंध में चर्चा की गई एवं आधुनिक एवं नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। सार रूप में नई शिक्षा नीति जो इन मुख्य 8 प्रकार में विभाजित हैं,प्रतिभाओं का बहुमुखी विकाश, प्रायोगात्मक शिक्षा, समन्वित दृष्टिकोण, 21 वीं सदी के चार कौशल, सामाजिक औरभावनात्मक शिक्षा, सतत् विकास का लक्ष्य, जीवन कौशल एवं मुल्यों का विकास और भारतीय ज्ञान परम्परा को प्रोत्साहन इन आठ महत्व पूर्ण तत्वों के बारे में विस्तार रूप से दूबे जी के द्वारा समझाया गया। वर्तमान में विकास के बदलते परिदृश्य विश्व के सभी क्षेत्रों में एक बुनियादी बदलाव कीआवश्यकता का अनुभव किया जा रहा हैं।

इस बदलाव के अंतर्गत ज्ञान के सैद्धांतिक पक्ष के साथ-साथ उसके व्यावहारिक एवं प्रयोगात्मक पक्ष की सुदृढ़ता पर अधिक बल दिया जा रहा है,जिससे विकास के प्रत्येक क्षेत्र को स्थायित्व प्रदानकर उसकी धारा को अनवरत रूप सेप्रवाहित किया जा सके। इसके लिए सबसे पहली आवश्यकता कुशल श्रम की सर्वत्र उपलब्धता है। कुशल श्रम की इस आवश्यकता और उपलब्धता को सुलभ बनाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सीखने की पद्धति में आमूल-चूक परिवर्तन किया गया है। नई शिक्षा नीति ज्ञान के व्यावहारिक पक्ष को सबल बनाती हुई, करके सीखने की अवधारणा को साकार करने के लिए शिक्षा के एकीकृत अनुसंधानात्मक एवं प्रयोगात्मक स्वरूप की वकालत करती है, जिससे विद्यार्थियों को कर्मशील, कर्तव्यनिष्ठ, दयालु और जीवन मूल्यों का संरक्षक बनाने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनाया जासके,इससे व्यक्ति, समाज, देश और विश्व का चहुँमुखी विकास हो सकेगा। सभी शिक्षकों ने बड़े उत्साह और जिज्ञासा के साथ कार्यशाला का लाभ उठाया,बच्चों में होने वाले परिवर्तनो एवं बाल स्वभाव से सभी को अवगत कराया गया,डारेक्टर शरद केडिया के द्वारा बच्चो के बेहतर भविष्य एवं आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ विद्याभूमि स्कूल को एक नया एवं बेहतर शिक्षा संस्थान बनाने के अपने उददेश्य को शिक्षको के साथ साझा किया। अंत में प्रिंसपल अजीत प्राधानजी के द्वारा आभार प्रदर्शन करते हुए सभी शिक्षकों को नए शिक्षा सत्र में प्रोत्साहित करते हुए उनका उत्साह वर्धन किया गया

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