भिलाई। सेल स्टील प्लांट कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने भिलाई स्टील प्लांट मैनेजमेंट पर सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के अंतर्गत जानकारी उपलब्ध कराने के बजाय आवेदकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। एसोसिएशन का आरोप है कि संवैधानिक बाध्यता के बावजूद बीएसपी मैनेजमेंट सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मांगी गई किसी भी जानकारी का जवाब देने में हीला-हवाला कर रहा है और कई बार आधी-अधूरी या फिर गलत जानकारी दे रहा है।
एसोसिएशन ने केंद्रीय सूचना आयोग से इस बाबत शिकायत की है और मांग रखी है कि बीएसपी मैनेजमेंट से समयबद्ध और उचित जवाब देने सख्त दिशा-निर्देश दिए जाएं, जिससे आवेदकों को परेशान ना होना पड़े। एसोसिएशन के अध्यक्ष के ए अब्दुल कादर ने बताया कि हाल के दिनों में बीएसपी मैनेजमेंट से बायोमेट्रिक सिस्टम, एक्सीडेंटल पॉलिसी, निविदा को लेकर प्रचलित लॉटरी सिस्टम, रेट कॉन्ट्रैक्ट का वितरण और ठेका मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण जैसे विषय पर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत बिंदुवार जानकारी मांगी गई थी लेकिन इनमें से ज्यादातर विषयों में बीएसपी मैनेजमेंट ने जवाब देने में हीला हवाला किया है। कई मामले तो ऐसे हैं जिनमें उचित जवाब देने के बजाय मैनेजमेंट ने सर्कुलर की प्रति दे दी है। जो कि सीधे-सीधे आवेदक को सटीक जानकारी देने के बजाए गुमराह करना प्रतीत होता है। उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कई बिंदुओं पर बीएसपी मैनेजमेंट के दो विभागों में ही विरोधाभास है। निविदा से जुड़े मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में जहां बीएसपी का कांटेक्ट सेल नॉन वर्क्स कह रहा है कि आरटीआई प्रावधान के तहत जानकारी नहीं दी जा सकती वहीं इसी विषय पर सीबीडी के जीएम आंशिक जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आरटीआई बीएसपी में मजाक बना कर रह गया है।
कादर ने बताया कि इसी तरह पात्रता मापदंड को लेकर पूर्व में उन्होंने बीएसपी मैनेजमेंट से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी, जिस पर मैनेजमेंट जानकारी नहीं दे रहा था। इस पर 12 मई 2017 की द्वितीय अपील पर 8 अगस्त 2018 को केंद्रीय सूचना आयुक्त ने बीएसपी मैनेजमेंट को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया था लेकिन अब तक इसका पालन नहीं हुआ है। कादर ने कहा कि कुछ मामलों में तो टाउनशिप और नॉन वर्क्स कांटेक्ट सेल लिख कर दे रहे हैं कि उनके दफ्तर में इस संदर्भ में जानकारी ही नहीं है। यह सीधे-सीधे सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है।
एसोसिएशन की ओर से सीके मोहन (महासचिव), तुलसी धरण पिल्लई (कोषाध्यक्ष), के. ए. ए. अंसार (उपाध्यक्ष), संजय गुप्ता (उपाध्यक्ष), वी. वी. किशोर (उपाध्यक्ष), विजय कुमार, के. थंकराजन और मोहन राव ने केंद्रीय सूचना आयोग से मांग की है कि बीएसपी मैनेजमेंट को समयबद्ध और सही जानकारी आरटीआई के अंतर्गत उपलब्ध कराने निर्देशित किया जाए।
बायोमैट्रिक और लॉटरी सिस्टम पर तत्काल रोक लगाने उठाई मांग
इसके साथ ही एसोसिएशन ने भिलाई स्टील प्लांट में ठेका मजदूरों के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम पर रोक लगाने की मांग की है। एसोसिएशन के मुताबिक अब तक इस संबंध में बीएसपी में व्यापक व्यवस्था नहीं है और सेल से भी विस्तृत दिशा-निर्देश नहीं है। इसलिए एसोसिएशन ने इस पर इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति मार्च-2026 तक रोक लगाने की मांग की गई है। इसी तरह एसोसिएशन ने लॉटरी सिस्टम में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि इस सिस्टम की वजह से कुछ चिह्नित लोगों को अधिक से अधिक काम दिए जा रहे हैं, वहीं शेष लोगों के पास कोई काम नहीं है।