दंतेवाड़ा: मधुमक्खी पालन और वनों के संरक्षण पर विशेष प्रशिक्षण

दंतेवाड़ा स्थित बस्तर हनी प्रगति प्रयास मधुमक्खी पालन संस्था ने आज कांकेर जिले के महानदी फूड प्रोड्यूसर कंपनी (महानदी एफपीओ) के प्रतिनिधियों और किसानों के लिए एक विशेष एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया। इस दौरे का उद्देश्य मधुमक्खी पालन की नवीनतम तकनीकों, वनों के संरक्षण और जैव विविधता को बनाए रखने के महत्व को समझाना था।

बस्तर हनी के निदेशक श्री राम नरेंद्र ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “मधुमक्खियां न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, बल्कि उनके संरक्षण से वनों की फसलों की उत्पादकता में लगभग 30 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। हमें मधुमक्खियों को बचाने और जंगलों को आग से सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।”

इस अवसर पर कांकेर जिले के किसानों ने मधुमक्खी पालन की बारीकियों को समझा और जाना कि मधुमक्खियों का अस्तित्व मनुष्य के जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने बस्तर हनी द्वारा संचालित प्रोसेसिंग यूनिट और शहद संग्रहण की प्रक्रिया का अवलोकन किया।

श्री राम नरेंद्र ने बताया कि बस्तर हनी 200 से अधिक महिलाओं के साथ मधुमक्खी पालन में सक्रिय है। यह संस्था सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, जगदलपुर, कांकेर और कोंडागांव जैसे जिलों में शहद संग्रहण और विपणन का कार्य करती है। हाल ही में, संस्था को ट्रायफेड इंडिया से 28 टन शहद का ऑर्डर प्राप्त हुआ है, जो पूरे बस्तर संभाग के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

महानदी एफपीओ के प्रतिनिधियों ने बस्तर हनी के इस नवाचार से प्रेरणा लेते हुए साझा कार्य योजनाओं पर चर्चा की। श्री राम नरेंद्र ने आश्वस्त किया कि संस्था कांकेर जिले के किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों और संसाधनों को हस्तांतरित करने के लिए सहयोग करेगी। इससे मधुमक्खी पालन में सुधार होगा, वनों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और समाज को गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद उपलब्ध होंगे।

यह एक्सपोजर विजिट न केवल किसानों के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ, बल्कि बस्तर के अद्वितीय प्राकृतिक संसाधनों और उनकी सुरक्षा के महत्व को भी उजागर करता है।

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