रायपुर। भारतीय कला और संस्कृति जगत में शोक की लहर है। देश के प्रख्यात मूर्तिकार, पद्मश्री राम सुतार जी का निधन हो गया है। राम सुतार जी को उनकी अद्वितीय कलाकृतियों और भारतीय इतिहास एवं संस्कृति को जीवंत करने वाले योगदान के लिए याद किया जाएगा।
राम सुतार जी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सहित अनेक प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में उत्कृष्ट मूर्तिकला का योगदान दिया। उन्होंने अजंता–एलोरा की ऐतिहासिक मूर्तियों के संरक्षण और जीर्णोद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कला न केवल भौतिक रूप में अद्वितीय है, बल्कि भारतीय इतिहास, संस्कृति और गौरव की अमिट छाप को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाती रही।
मूर्तिकार राम सुतार जी की रचनाएँ भारतीय कला और संस्कृति का प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी कलाकृतियाँ न केवल पर्यटकों और कला प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं, बल्कि शिष्यों और विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत रही हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए शिल्पों में भारतीय परंपरा और आधुनिक सृजनशीलता का अनूठा समन्वय देखने को मिलता है।
इस दुखद घड़ी में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार, शिष्यों तथा असंख्य प्रशंसकों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि राम सुतार जी की रचनाएँ सदैव भारतीय कला और संस्कृति के गौरव को जीवित रखेंगी।
उनके निधन से न केवल मूर्तिकला जगत बल्कि पूरे देश में कला प्रेमियों और सांस्कृतिक परंपरा को गहरा झटका लगा है। कला जगत के विद्वान और शिष्य उन्हें उनके योगदान और अद्वितीय कृतित्व के लिए सदा स्मरण करेंगे। राम सुतार जी की यादें, उनकी रचनाएँ और उनके द्वारा भारतीय कला को दी गई नई दिशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।