स्वच्छता अभियान की शिवरीनारायण नगर में उड़ रही धज्जियाँ, महानदी किनारे अब भी खुले में शौच कर रहे लोग

शिवरीनारायण: नगर पंचायत परिषदद्वारा नगर को ओडीएफ बनाए जाने के बाद से लोगों को जागरुक aware कर शौचालय तो बनवाए गए लेकिन ऊसका उपयोग करने के लिए लोग ध्यान नही देते और खुले में शौच के लिए निकल पड़ते है पूर्व में जब अध्यक्ष संजय अग्रवाल हुआ करते थे तब शौच जाने वालों पर लगातार जुर्माना लगाया जाता था लेकिन अब नगर अध्यक्ष की कमान अंजनी तिवारी संभाल रही है लेकिन स्वच्छता की ओर उनका ध्यान नही है तभी तो लोग आज भी महानदी किनारे हो या सेठीनागर, वार्ड न.1 और नगर के कई अन्य वार्डो में आज भी लोग खुले में शौच कर रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने टोकने वाला कोई नही है, नगर पंचायत शिवरीनारायण को खुले में शौच मुक्त करने के लिए किसी भी अधिकारी का ध्यान नही जा रहा हैं। अगर नगर में समय-समय पर जागरुकता शिविरों का आयोजन होता तो लोग खुले में शौच नही जाते लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है।

खुले में शौच: आखिर क्यों नहीं बदलती यह प्रवृत्ति?
एक ओर जहाँ वृद्ध पुरुष एवं महिलाएँ शौचालय का उपयोग करते हैं वहीं युवा और अधेड़ पुरुष खुले आज भी शौच जाना पसन्द करते हैं। पुरुष और महिला में तुलना करने पर पाया गया कि ज़्यादातर पुरुषों का रुझान खुले में शौच की तरफ होता है तो महिलाएँ अपनी लज्जालु स्वभाव के कारण शौचालय toilet के उपयोग को प्राथमिकता देती हैं। सुबह-शाम निकल पड़ते है लोग शौच के लिए नदी River के किनारे जाते देखे जा सकते हैं लोग नगर में तमाम लाभार्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने प्रोत्साहन राशि लेकर शौचालय का निर्माण तो करा लिया, लेकिन उसका उपयोग शौच करने के ताला बंद कर रखते है। नगर में लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए प्रेरित नही किया जा रहा है। धार्मिक नगरी होने के बावजूद खुले में शौच का चलन निरंतर जारी है। इसके लिए अभियान चलाकर लोगों को इससे होने वाली हानियों के प्रति सचेत किया जाना चाहिए और नही मानने पर नगर पंचायत को जुर्माना की कार्यवाही करने चाहिए लेकिन इस और किसी का ध्यान नही है।
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