रायपुर। छत्तीसगढ़ अब केवल कोर सेक्टर तक सीमित नहीं, बल्कि सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक उद्योगों का राष्ट्रीय केंद्र बनने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री साय ने निवेशकों को लेकर कहा, छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति रोजगार और आर्थिक समृद्धि पर केंद्रित है। हम अपने राज्य को नक्सल प्रभावित अतीत से बाहर निकालकर देश का सबसे गतिशील औद्योगिक और तकनीकी हब बना रहे हैं। यह प्रदेश अब निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है।
सरकार ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। यह नीति छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति देश की कनेक्टिविटी का केंद्र बिंदु है। यह नीति लॉजिस्टिक सेक्टर और ई-कॉमर्स में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करेगी, निर्यात अधोसंरचना को मजबूत करेगी और सस्ती भंडारण सुविधाओं का विस्तार करेगी। लॉजिस्टिक नीति से राज्य में ड्राई पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा, उद्योग, व्यापार और किसानों को आधुनिक, सस्ती भंडारण और वितरण सुविधा प्राप्त होगी, लॉजिस्टिक लागत में कमी के माध्यम से व्यापार और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
व्यवसाय और नागरिक जीवन में अनावश्यक जटिलताएं दूर होंगी। कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने से व्यवसायियों को बेवजह न्यायालयीन प्रकरणों में फंसने से राहत मिलेगी और न्यायिक खर्च में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से व्यापार व जीवनयापन में सहजता सुनिश्चित की जाएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि निवेशकों, उद्योगपतियों और नागरिकों के लिए ऐसा परिवेश बने जिसमें न्यूनतम बाधाएं हों और विकास के हर क्षेत्र में अधिकतम संभावनाएं खुलें।
औद्योगिक विकास की संभावनाओं से भरा है छत्तीसगढ़ प्रदेश: छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की गई है, जिससे निवेशकों के लिए उद्योग स्थापित करना पहले से अधिक सरल और सुविधाजनक हो गया है. ऑनलाइन आवेदन और त्वरित प्रोसेसिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे निवेश प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ हो. ‘सिंगल विंडो 2.0’ प्रणाली लागू की गई है, जिससे सभी आवश्यक स्वीकृतियां आसानी से मिल रही हैं और निवेशकों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा.
नए औद्योगिक पार्क से निवेश को बढ़ावा: साय ने कहा कि राज्य सरकार नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना कर रही है, जिससे उद्योगपतियों को आवश्यक बुनियादी ढांचा और संसाधन उपलब्ध होंगे. इससे नव उद्यमियों को भी सशक्त वातावरण मिलेगा, जिससे वे अपनी व्यावसायिक कामों को मजबूती से आगे बढ़ा सकेंगे. इस पहल से न केवल औद्योगिक इकाइयों की संख्या बढ़ेगी बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. रिकॉर्ड निवेश प्रस्ताव, एआई सेक्टर को बढ़ावा: मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद अब तक छत्तीसगढ़ को 1.23 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. प्रदेश में एआई, आईटी, डाटा सेंटर, फार्मास्युटिकल, रियल इस्टेट और रोबोटिक्स जैसे सेक्टरों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है. इसके परिणामस्वरूप पहली बार सेमीकंडक्टर, डाटा सेंटर और एआई आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए निवेश प्रस्ताव मिले हैं. ये प्रस्ताव प्रदेश के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा. सीएम साय ने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार उद्यमियों को हरसंभव सहायता करेगी. सीएम ने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक नीति स्पष्ट, पारदर्शी और निवेशक अनुकूल है. देश विदेश के उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में व्यापार स्थापित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार उनके व्यापार को सफल बनाने में हरसंभव सहयोग देगी. वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 : इससे अनुमतियों में लगने वाला समय घटकर रिकॉर्ड समय में आएगा। यह इज ऑफ डूइंग बिजनेस में छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करेगा। छत्तीसगढ़ सरकार उद्योगों के लिए सरल, पारदर्शी और तेज प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दे रही है। वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से निवेशकों को आवश्यक स्वीकृतियाँ अब न्यूनतम समय में प्राप्त होंगी, जिससे प्रदेश में निवेश का माहौल और मजबूत होगा। नई औद्योगिक नीतियों और सहज अनुमतियों की व्यवस्था से छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में अपनी अलग पहचान बनाएगा।