सीबीआई की एक टीम ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती घोटाले को लेकर छापेमारी की। यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने का आरोप सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई की टीम सुबह एम्स भुवनेश्वर पहुंची और घोटाले के सिलसिले में कुछ स्थायी कर्मचारियों सहित कम से कम 27 लोगों से पूछताछ की। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने विभिन्न दस्तावेजों की भी जांच की। आरोप के अनुसार, राजधानी में रहने वाले एक परिवार के पांच सदस्यों को 2023 और 2024 में एम्स भुवनेश्वर में स्थायी नियुक्ति दी गई। गाजियाबाद और गोरखपुर के निवासी होने के नाते फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर दो सेनेटरी इंस्पेक्टर और तीन रिकॉर्ड क्लर्क के पदों पर भर्ती की गई। उन्हें पहले एक आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा अनुबंध के आधार पर एम्स भुवनेश्वर में नियुक्त किया गया था। एजेंसी के स्मृतिरंजन कर नामक व्यक्ति, जो भर्ती घोटाले का कथित मास्टरमाइंड है, सीबीआई की जांच के दायरे में आ गया है। आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के माध्यम से अपने परिवार के पांच सदस्यों की एम्स भुवनेश्वर में स्थायी नियुक्ति में मदद की। सीबीआई ने अभी तक कथित घोटाले और आज की छापेमारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है।