शिवरीनारायण –– टेम्पल सिटी शिवरीनारायण पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण राजनीति केन्द्र है। इस नगर में केशरवानी और स्वर्णकार समाज का बाहुल्य है जो व्यापार और कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं इन दोनों ही समाज का लगभग 85 प्रतिशत व्यक्ति कट्टर भाजपाई है जो अपने दादा परदादा के जमाने से ही जनसंघ/ भाजपा का झंड़ा उठाते रहे हैं। उन्हे वोट देते आ रहे है और स्थानीय राजनीति में रूची रखते है । इस बार शिवरीनारायण नगर पंचायत का अध्यक्ष पद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित था। जो 25 वर्ष बाद पिछड़े वर्ग को अध्यक्ष बनने अवसर मिला । केशरवानी समाज का युवा आर्यन केशरवानी का आरोप है कि भाजपा ने इस नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का प्रत्याशी बनाने में शिवरीनारायण के स्वर्णकार समाज व केशरवानी समाज के साथ छल किया है। उनका कहना है कि स्वर्णकार समाज पिछड़े वर्ग में आता है और स्वर्णकार समाज नगर पंचायत अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त करना चाहता था इस हेतु राधेश्याम सोनी ने भाजपा से अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदारी किया था। राधेश्याम सोनी का परिवार जनसंघ के समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वे सरल स्वभाव व मृदुभाषी होने के साथ ही आर्थिक व सामाजिक दृष्टिकोण से भी सक्षम हैं। इसलिए लोग भाजपा से अध्यक्ष पद के लिए राधेश्याम सोनी को प्रत्याशी बनाये जाने की बात को पक्का मान कर चल रहे थे और इस बात को लेकर लोग उत्साहीत भी रहे हैं। लेकिन जब भाजपा के अध्यक्ष की सूची जारी हुआ तो उसमें राहुल थवाईत का नाम आया।जिसे देख लोग हतप्रभ रह गये। लोग राहुल थवाईत के खरौद मूल निवासी होने से भाजपा से नाराज थे। लेकिन नगर में कांग्रेस के विरूध्द महौल चल रहा था और लोगों के पास दुसरा कोई विकल्प नही था। इसलिए भाजपा की ओर से थोपे गये प्रत्याशी राहुल थवाईत को शिवरीनारायण की मतदाता ने स्वीकार किया और उन्हे भारी मतों से विजयी बनाये । इससे भाजपा के प्रत्याशी चयनकर्ताओं का मनोबल और बढ़ गया और उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी चयन में भी मनमानी दिखाए। नगर पंचायत शिवरीनारायण में भाजपा के 10 पार्षद हैं और एक निर्दलीय पार्षद भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं ।इस तरह कुल 11 पार्षद तथा अध्यक्ष मिला कर कुल 12 मत भाजपा का था इसलिए नगर पंचायत शिवरीनारायण में भाजपा का उपाध्यक्ष बनना पहले से ही तय था। इस पद के लिए अंकुर गोयल, विनोद शर्मा , सरला केशरवानी और चेतन सोनी ने दावेदारी किये और यह माना जा रहा था की अध्यक्ष पद पिछ़डे वर्ग पुरूष है तो भाजपा नगर पंचायत में संतुलन बनाने के लिए सामान्य महिला पार्षद को उपाध्यक्ष बनाएंगे । भाजपा से सामान्य महिला पार्षद में सरला केशरवानी है और अधिकांश लोगों को उम्मिद थी की सरला केशरवानी उपाध्यक्ष बन सकती है । सरला केशरवानी ऐसे परिवार से है जिसका शिवरीनारायण में जनसंघ और भाजपा को जीवंत रखने में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस समाज का यहां 1400 वोट है जिसका लगभग 90 प्रतिशत वोट भाजपा को जाता है। लेकिन भाजपा ने केशरवानी समाज को भी उपाध्यक्ष की प्रत्याशी बनाने में ठेंगा दिखा दिया और भाजपा ने 10 मार्च को हुए उपाध्यक्ष चुनाव में ऐसी महिला को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया जिसका भाजपा से कभी कोई लेना देना नहीं रहा है । आर्यन केशरवानी का यह भी कहना है कि भाजपा का जिलाध्यक्ष अंबेश जांगडे इस क्षेत्र के विधायक रहे हैं और शिवरीनारायण के गुटीय राजनीति से वह अच्छी तरह से वाकिफ भी है ।जब वह स्वंय 2018 का विधान सभा चुनाव लड़ रहे थे तब शिवरीनारायण के भाजपा का एक गुट उनके विरूध्द थे और बसपा का खुलेआम प्रचार कर रहे थे । तब भी शिवरीनारायण के केशरवानी और स्वर्णकार समाज उनके साथ भाजपा में खडे़ थे। इन सब परिस्थितियों से जिला व राज्य के भाजपा उच्च पदाधिकारी अवगत होने के बावजुद शिवरीनारायण के केशरवानी और स्वर्णकार समाज के भाजपा के प्रति समर्पण और योगदान को भूला दिया और अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी बनाने में इनके साथ छल किया गया। जिसका खमियाजा आने वाले चुनाव भाजपा को भुगतनी पड़ेगी।