रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कथावाचाक धीरेंद्र शास्त्री को साधु-महात्माओं के साथ शास्त्रार्थ करने की चुनौती दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो पोस्ट किए हैं। उन्होंने पहले पोस्ट में लिखा है कि उन्हें चुनौती देता हूं कि प्रदेश के मठ-मंदिरों में बैठे साधु-महात्माओं के साथ शास्त्रार्थ कर के दिखाएं।
वहीं, दूसरे पोस्ट में लिखा है कि जब शास्त्री का जन्म नहीं हुआ था, तब से हनुमान चालीसा और बजरंग बाण पढ़ रहे हैं। वो हमें सिखाएंगे सनातन धर्म क्या है? मेरे ससुराल में ही पांच साधु हैं, लेकिन इनके तरह ढोंगी नहीं हैं।
इधर, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि कथावाचक शास्त्री को लाने राज्य सरकार का विमान भेजना प्रदेश के खजाने का दुरूपयोग है। किस संवैधानिक हैसियत के कारण उनके लिए विमान भेजा था। सरकार इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करे। वे हिन्दू समाज और सनातन के धर्मगुरु नहीं हैं। साथ ही सुशील आनंद ने कहा, वे कथावाचक हो सकते हैं। टोना-टोटका करने वाले बाबा हो सकते हैं, लेकिन वे कोई धर्माचार्य नहीं है, न ही किसी शास्त्र के मान्यता प्राप्त पीठ के पीठाधेश्वर हैं। उनका आचार-विचार, व्यवहार देश की गंगा जमुनी संस्कृति के खिलाफ है। हिन्दू धर्म, सनातन धर्म जोड़ने का काम करता है। धीरेन्द्र शास्त्री तो परस्पर विद्वेष पैदा करते हैं।