1 साल बाद बन रहा है Angarki Chaturthi का योग, मंगल दोष से पीड़ित जरूर करें यह उपाय…

 अंगारकी चतुर्थी  के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिन्हें बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है.“अंगारकी” शब्द संस्कृत के “अंगारक” शब्द से निकला है, जिसका अर्थ है मंगल ग्रह. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से मंगल प्रसन्न होते हैं और जीवन में सौभाग्य, समृद्धि प्राप्त होती है और बाधाएं दूर होती हैं.

इस साल अंगारकी चतुर्थी 25 जून, मंगलवार को मनाई जाएगी. इस व्रत को रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, और ऋण से मुक्ति मिलती है. इस  दिन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं,चतुर्थी तिथि का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है. मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है. अंगारकी चतुर्थी व्रत करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त होता है.

  • अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं.साथ ही मंगल दोष का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है.
  • भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अंगारकी चतुर्थी पर विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें.इस समय भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक, लड्डू, पान के पत्ते आदि चीजें अर्पित करें.
  • मंगल दोष से निजात पाने के लिए अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणेश को कुमकुम अर्पित करें.भगवान गणेश को सिंदूर अर्पित करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
  • मंगल दोष को दूर करने के लिए अंगारकी चतुर्थी तिथि पर मसूर दाल, साबुत मूंग, शहद, हरे रंग का वस्त्र, हरी सब्जियां आदि चीजों का दान करें.इस उपाय को करने से भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं.
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