युवा ब्रेन डेड पेशेंट की किडनी ट्रांसप्लांट की गई 36 वर्ष के दिनेश बर्मन में
डबल हाई रिस्क में था पेशेंट, लेकिन डॉक्टरों की पहल पर अब मैरिज पूरी तरह स्वस्थ
रायपुर, मोवा स्थित श्री बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस ने एक और नया कीर्तिमान हासिल किया ह़ै अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग से मान्यता मिलने के बाद अब पहले सफल कैंडेवर किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। 36 वर्ष के एक मरीज को शासकीय अस्पताल के एक युवा ब्रेन डेड मरीज की किङनी ट्रांसप्लांट की गई है। श्री बालाजी हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर देवेंद्र नायक ने बताया कि उक्त मरीज डबल हाई रिस्क में था यानी डोनर और रिसिप्टेंट दोनों में कॉम्प्लीकेशन थे, जिसे अस्पताल के डॉक्टरों की टीम में सूझबूझ से दूर किया और मरीज कैंडेवर ट्रांसप्लांट के बाद अस्पताल से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गया.
डॉक्टर देवेंद्र नायक ने बताया कि 36 वर्षीय मरीज दिनेश बर्मन पिछले करीब चार-पांच वर्षों से डायलिसिस पर थे, और मरीज ने नवंबर 2022 में कैंडेवर ट्रांसप्लांट के लिए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसके बाद एक कैंडेवर डोनर मिला, जिसकी किडनी मरीज में ट्रांसप्लांट की गई और अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन उसे डॉक्टरों ने लंबे वक्त तक रेगुलर दवाई खाने की सलाह दी है.
6 घंटे से काम का होता है वक्त
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ साई नाथ पत्तेवार ने बताया कि कैंडेवर किङनी ट्रांसप्लांट में किडनी निकालने के बाद ट्रांसप्लांट करने के बीच अधिकतम 6 घंटे का समय होता है, जितना जल्दी ट्रांसप्लांट होगा उतना ट्रांसप्लांट सक्सेस होने का चांस होता है, कैंडेवर डोनर एक शासकीय अस्पताल में भर्ती था और उसकी किडनी वहीं से ऑपरेशन के बाद अस्पताल लाई गई थी, जहां अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने सफल ट्रांसप्लांट किया, ट्रांसप्लांट के बाद किडनी रिजेक्शन हो गई और डॉक्टर को ट्रांसप्लांट के बाद तीन बार डायलिसिस करना और प्लाज्मफेरेसिस किया गया और एंट्री रिजेक्शन की दवाइयां दी गई, हालांकि बाद में मरीज स्वस्थ होने होकर डिस्चार्ज हुआ.
2014 से बालाजी हॉस्पिटल में अब तक 81 सफल कितनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं, बालाजी हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ का पहला लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर है यहां अब तक 9 सफल लिवर ट्रांसप्लांट किए गए हैं
इन डॉक्टरों की टीम ने ट्रांसप्लांट को बनाया सफल
डॉक्टर पुष्पेंद्र नायक (गैस्ट्रो लिवर एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन) डॉक्टर अरुण (केरकेट्टा यूरो सर्जन) डॉ सूरज जाजू (यूरो सर्जन) डॉ कुलदीप सिंह छाबड़ा (नोडल अफसर) डॉक्टर साई नाथ पत्तेवर (नेफ्रोलॉजिस्टए) डॉक्टर रविधर (नेफ्रोलॉजिस्ट), डॉक्टर मनीष नाग (एनेस्थेटिक) डॉ हिमानी दोशी (एनेस्थेटिक) डॉ प्रफुल्ल अग्निहोत्री (क्रिटिकल केयर इंचार्ज) डॉ सोनल बाजपाई (क्रिटिकल केयर इंटेनसिविस्ट) कृष्णकांत साहू (ट्रांसप्लांट कोआर्डिनेटर) रमा मिश्रा (ट्रांसप्लांट कोआर्डिनेटर) समेत नर्सिंग स्टाफ.