29 साल पुराने अपहरण और अवैध तौर पर कस्टडी में रखने के दोषी रिटायर्ड एएसआई को सीबीआई की विशेष अदालत ने दस साल की सजा सुनाई है। दोषी अमरीक सिंह पंजाब पुलिस से असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर रिटायर हो चुका है। दोषी को 20 हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा। अदालत द्वारा उसे वीरवार को ही दोषी करार दिया गया। दोषी करार देने के बाद जेल भेज दिया गया है। जबकि इस मामले के एक अन्य आरोपी वासन सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है।
जालंधर से उठाया था पिता-पुत्र को
जानकारी के मुताबिक मामला 21 जुलाई 1991 का है। उस समय वासन सिंह थाना ब्यास का इंचार्ज था। आरोप है कि 21/22 जुलाई 1992 की रात एएसआई अमरीक सिंह ने जालंधर से चनण सिंह व उसके बेटे गुरबिंदर सिंह को जबरन उठा लिया था । हालांकि बाद में चनण सिंह को छोड़ दिया, लेकिन बेटे को नहीं छोड़ा गया। जब अगले दिन चनण सिंह ने थाने जाकर बेटे के बारे में पूछा तो आगे से जवाब मिला कि पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। उसकी अस्थियां श्मशान घाट में पड़ी हैं।