सक्ती-राधा नाम का अर्थ है जन्म-जन्मातंर के पापों से मुक्ति, प्रेम मिलन, और बंधन से मुक्ति का मार्ग जो दें वो हा राधा जी। कहते हैं कि राधा जी की पूजा से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। जो भी साधक भक्ति भाव से राधा जी को पूजता है। वह इस लोक के सुख को भोग को परमधाम को प्राप्त करता है
राधा जी के पूजन से निसंतान के संतान और वैवाहिक जीवन में प्रेम रस की प्रधानता रहती है। जन्माष्टमी कथा का श्रवण करने से भक्त सुखी, धनी और सर्वगुणसंपन्न बनता है, भक्तिपूर्वक श्री राधाजी का मंत्र जाप और स्मरण मोक्ष प्रदान करता है। श्रीमद देवी भागवत में कहा गया है कि जो राधा की पूजा करता है उसे ही कृष्ण की पूजा का अधिकार है। राधा अष्टमी का व्रत विशेष पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है
इस व्रत को सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाला बताया गया है। सुहागिन स्त्रियां इस दिन व्रत रखकर राधा जी की विशेष पूजा करती हैं। इस दिन पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। राधा अष्टमी का पर्व जीवन में आने वाली धन की समस्या की भी दूर करता है। राधा जी की इस दिन पूजा करने भगवान श्रीकृष्ण का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत को रखने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है