कोरबा। तीन साल का मासूम वीरेंद्र परेशानियों से जूझ रहा है। दो महीने से इस बधो का पेट असामान्य तरीके से फूल रहा है। आलम यह है कि पेट की नसें भी सामान्य नजरों से दिखाई देने लगी हैं। इस बधो के इलाज में परिवार की सारी जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। आयुष्मान योजना भी काम नहीं आ रही और सरकार की ओर नजरें टिकाए यह गरीब परिवार बैठा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक इस परिवार ने अपनी करुण गुहार पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
कोरबा जिले के कटघोरा अंतर्गत ग्राम तुमान में निवासरत गुलाब दास महंत के तीन वर्षीय पुत्र वीरेंद्र महंत का पेट दो माह पूर्व एकाएक फूलने लगा। गुब्बारे की तरह उसका पेट फूलता जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर उसका इलाज कोरबा के निजी अस्पताल में कराया गया, फिर बिलासपुर के निजी अस्पताल से इलाज कराकर मेकाहारा, एम्स रायपुर में भी इलाज कराया गया। कुल जमा पूंजी करीब एक लाख 70 हजार गुलाब दास ने बेटे के इलाज में फूंक दिया। आयुष्मान कार्ड से भी 25000 खर्च हो गए। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में जाने पर ढाई-तीन लाख रुपये पहले जमा करने के लिए कहा गया। नगदी रकम देने में असमर्थ गुलाब दास वापस लौट आया। करीब 15 दिन से घर पर रहकर बधो के इलाज के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। चिकित्सकों ने मुंबई, दिल्ली या हैदराबाद ले जाने की सलाह दी है लेकिन इतनी बढी रकम इनके पास नहीं है कि बधो को महानगर में ले जाकर इलाज करा सकें। गुलाब दास महंत के करीबी मुरली महंत ने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राजस्व मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष तक गुहार लगा चुके हैं। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उम्मीद बची हुई है।