प्रदेश भर से 557 कार्यकर्ता हुए सम्मिलित
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, छत्तीसगढ़ प्रदेश का 58वाँ प्रांत अधिवेशन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई स्थित सेक्टर–6 सिविक सेंटर के कला मंदिर “भगवान बिरसा मुंडा नगर” में 19 से 21 दिसंबर 2025 तक भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन में प्रदेश भर से कुल 557 कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही। अधिवेशन के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस प्रदर्शनी में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल (रजत जयंती वर्ष के संदर्भ में), राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शिल्पकार प्रो. यशवंतराव केलकर जी का जीवन-दर्शन, तथा प्रदेश के सभी जिलों के प्रमुख कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का नाम शहीद कौशल यादव जी के नाम पर रखा गया। प्रदर्शनी उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संघ के पूर्व क्षेत्रीय कार्यवाह बिसरा राम यादव जी, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मानसी गुलाटी जी एवं तत्कालीन प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। प्रांत अधिवेशन का शुभारंभ दिनांक 19 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित बघेल एवं प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ध्वजारोहण के साथ हुआ। इसके पश्चात प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित बघेल ने अधिवेशन की प्रस्तावना प्रस्तुत की। तत्पश्चात प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने मंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संगठन के राष्ट्रीय कार्यक्रम 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस, 9 जुलाई राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस एवं 6 दिसंबर सामाजिक समरसता दिवस के सफल आयोजनों की जानकारी दी। मंत्री प्रतिवेदन में वर्षभर की संगठनात्मक एवं रचनात्मक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि ‘खेलो भारत’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में 17,510 विद्यार्थियों की सहभागिता रही। सत्र 2024–25 में अभाविप छत्तीसगढ़ की कुल 1,91,086 सदस्यता दर्ज की गई। इसके साथ ही शैक्षणिक एवं छात्रहित से जुड़े विषयों पर अभाविप द्वारा निरंतर आंदोलन किए गए, जिनमें CSVTU से संबंधित आंदोलन तथा रायपुर स्थित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में डिप्टी रजिस्ट्रार की बर्खास्तगी हेतु अनिश्चितकालीन धरना प्रमुख रहा। वन्देमातरम् गीत के उपरांत प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित बघेल द्वारा सत्र 2024–25 का कार्यकाल समाप्त किया गया। निर्वाचन अधिकारी डॉ. शैलेश द्विवेदी द्वारा सभी जिलों से प्राप्त निर्वाचन परिणाम को उपस्थित प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया तदोपरांत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, छत्तीसगढ़ के सत्र 2025–26 हेतु नव-निर्वाचित पदाधिकारियों की घोषणा की गई, जिसमें सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विकास कुमार पाण्डेय (बिलासपुर) एवं प्रदेश मंत्री अनंत सोनी (अंबिकापुर) घोषित किए गए।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 58 वें प्रांत अधिवेशन का भव्य उद्घाटन माँ सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव जी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मांडवी जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री अरुण साव जी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद न केवल विश्व का सबसे बड़ा, बल्कि सबसे अनोखा छात्र संगठन भी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियों के पीछे विद्यार्थी परिषद की सशक्त भूमिका रही है। अभाविप से जुड़े कार्यकर्ता आज राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने स्वयं को भी अभाविप का स्थायी कार्यकर्ता बताते हुए संगठन के संस्कारों को राष्ट्र निर्माण की मजबूत नींव बताया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मांडवी ने अपने संबोधन में प्रो. यशवंतराव केलकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगवान बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती, संविधान दिवस, तथा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे जैसे विषयों पर संगठन के ऐतिहासिक एवं वैचारिक पक्षों को रेखांकित किया।अधिवेशन में एक परिसंवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य के समग्र विकास पर विचार-विमर्श हुआ। परिसंवाद में डिजिटल छत्तीसगढ़, शिक्षा एवं नवाचार, कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वावलंबी उद्योग, खनिज एवं ऊर्जा क्षेत्र में विकास, तथा लोक परंपरा के प्रतीक जनजातीय समाज जैसे विषयों पर वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अधिवेशन में दो प्रमुख विषयों पर भाषण सत्र आयोजित किए गए। प्रथम भाषण में अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने “कार्य विस्तार की दिशा” विषय पर संबोधन देते हुए कहा कि विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में विद्यार्थी परिषद की यह जिम्मेदारी है कि देशविरोधी शक्तियों को किसी भी स्तर पर पैर जमाने न दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभाविप का लक्ष्य केवल संगठन विस्तार नहीं, बल्कि प्रत्येक महानगर, नगर, इकाई एवं तहसील स्तर तक सशक्त उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

द्वितीय भाषण में मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखड़िया ने “वन्देमातरम् – राष्ट्रभक्ति की अमर पुकार” विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि वन्देमातरम् केवल एक उद्घोष नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, संस्कृति और स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2005 से अभाविप द्वारा वन्देमातरम् को अभिवादन के रूप में आत्मसात करने का संकल्प लिया गया, जो आज जन-जन की चेतना बन चुका है। अधिवेशन में कुल तीन प्रस्ताव पारित किए गए—
प्रस्ताव क्रमांक 01:“गुणवत्तायुक्त, रोजगारपरक शिक्षा हेतु ठोस कदम उठाए सरकार” इस प्रस्ताव में शिक्षा को राज्य के विकास की आधारशिला बताते हुए नालंदा परिसर एवं MERU योजना जैसे निवेशों का स्वागत किया गया, साथ ही विद्यालयों में घटती उपस्थिति, रिक्त शिक्षक पद, सीमित भर्तियाँ तथा व्यापम परीक्षाओं में अनियमितताओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। प्रस्ताव क्रमांक 02: “नशा मुक्त, नक्सल मुक्त एवं समरस छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष का संकल्प” इस प्रस्ताव में नशे की बढ़ती उपलब्धता, अपराधों में वृद्धि, अंतरराज्यीय तस्करी, सोशल मीडिया से फैल रहे वैमनस्य एवं नक्सलवाद की चुनौतियों पर ठोस नीति और सतत सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया गया। प्रस्ताव क्रमांक 03: “हमारी लोक परंपराएँ ही स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ समाज का मूल”इस प्रस्ताव में छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति को प्रकृति-संरक्षण और संतुलित जीवन का सशक्त उदाहरण बताते हुए प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरणीय नियमों के कड़ाई से पालन एवं जनभागीदारी पर बल दिया गया।तीनों प्रस्ताव कार्यकर्ताओं के सुझावों को सम्मिलित करते हुए ॐ की ध्वनि के साथ सर्वसम्मति से पारित किए गए।
अधिवेशन के अंतिम सत्र में प्रदेश मंत्री अनंत सोनी द्वारा आगामी कार्यक्रमों की घोषणा की गई, जिनमें 12 जनवरी युवा दिवस पर तिरंगा यात्रा, मेधावी छात्र सम्मान समारोह, स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी पर संगोष्ठी, फरवरी में छात्रावास सर्वेक्षण अभियान, 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम, भगवान बिरसा मुंडा जयंती, खेल महाकुंभ, तथा वन्देमातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पूर्ण वन्देमातरम् गीत की प्रस्तुति प्रमुख हैं।जिसके बाद प्रदेश संगठन मंत्री महेश साकेत जी द्वारा अधिवेशन का समारोप भाषण देते हुवे कहा कि यह केवल विद्यार्थी परिषद में ही संभव है कि यह के सभी कार्यकर्ता एक परिवार की तरह रहते है , विद्यार्थी परिषद एक दिए की तरह है जिस तरह दिया अंधेरे को मिटाने का काम करता है ठीक वैसे ही समाज के अंदर बुराई को मिटाने के लिए एक दिए की भांति विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता कार्य कर रहा है।

अभाविप के प्रदेश मंत्री अनंत सोनी ने कहा“अभाविप के इस प्रदेश अधिवेशन में प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं ने संगठनात्मक और कार्यक्रयात्मक विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस अधिवेशन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद के कार्य को तेज़ गति मिलने वाली है। अधिवेशन में आए प्रतिनिधि कार्यकर्ता अपने केंद्रों पर सम्पूर्ण दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर सभी शैक्षिक संस्थानों एवं समाज तक विद्यार्थी परिषद का संदेश पहुंचाएंगे। एक नई ऊर्जा और दृढ़ संकल्प के साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आगामी कार्यक्रमों और योजनाओं पर काम करेंगे और निश्चित रूप में प्रदेशभर में छात्रशक्ति तीव्र गति से आगे बढ़ेगी।”