बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से मंगलवार को एक चिंताजनक घटना सामने आई, जिसने अभिभावकों और शिक्षा विभाग दोनों को चिंता में डाल दिया। शासकीय हाई स्कूल मनबासा में परीक्षा समाप्त होते ही 11 छात्राएं अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं। घटना इतनी आकस्मिक थी कि कुछ ही मिनटों में स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों ने तुरंत हालात संभालते हुए स्कूल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। बेहोश हुई छात्राओं में से 6 की हालत गंभीर बताई गई, जिन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद वाड्रफनगर सिविल अस्पताल रेफर किया गया। अन्य छात्राओं को भी एंबुलेंस और निजी वाहनों की मदद से अस्पताल लाया गया, जहां सभी का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चियों की स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन वास्तविक कारण का पता जांच के बाद ही चलेगा।
स्कूल में अचानक कई छात्राओं के एक साथ बेहोश होने से अभिभावक भी भयभीत हो गए। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां शिक्षा विभाग के अधिकारी उन्हें स्थिति की जानकारी देते रहे। बीईओ श्याम किशोर जायसवाल ने बताया कि दोपहर के समय छात्राओं के कंपकंपी आने, चक्कर और रोने की शिकायत सामने आई। यह देखकर स्कूल के स्टाफ ने तुरंत सूचना उन तक पहुंचाई। बीईओ ने कहा कि उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद उपस्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर और नर्सों की टीम स्कूल भेजी गई। वहीं एसडीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और एपीओ ने मिलकर तीन वाहनों के माध्यम से सभी बच्चियों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल वाड्रफनगर पहुंचाया।
अस्पताल में डॉक्टरों की टीम छात्राओं की लगातार जांच कर रही है। अब तक मिले प्रारंभिक संकेतों से किसी प्रकार की फूड पॉइजनिंग या गैस लीक की आशंका नहीं दिख रही है, लेकिन मेडिकल टीम किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विस्तृत जांच पूरी करना चाहती है। स्कूल प्रबंधन से भी बच्चियों की दिनभर की गतिविधियों, परीक्षा की स्थिति और खाने-पीने की जानकारी ली जा रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा विभाग ने जांच समिति गठित कर दी है। समिति स्कूल पहुंचकर बच्चों कीथ Sh ortness यह घटना जिले में छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े करती है। फिलहाल सभी बच्चियां सुरक्षित हैं और डॉक्टरों की टीम उन पर लगातार नजर बनाए हुए है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि कारण स्पष्ट होने के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।