रायपुर। आज रायपुर नगर पालिक निगम ने राजधानी शहर रायपुर की वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम उठाया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर द्वारा विकसित और परिक्षित अभिनव तकनीक “प्रमिति” (“PRAMITI”) को रायपुर नगर पालिक निगम ने आधिकारिक रूप से अपनाया है। शुभारम्भ करते हुए महापौर मीनल चौबे ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजधानी शहर रायपुर में जहां पर आमजनों की आवाजाही अधिक होती है, उन स्थानों पर वाटर मिस्ट व्हीकल प्राथमिकता के साथ चलवायी जाये ।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण एवं संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी) और आईआईटी खड़गपुर के बीच राज्य में वायु प्रदूषण कम करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया था। इस समझौते के अंतर्गत आईआईटी खड़गपुर ने रायपुर नगर पालिक निगम क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारकों पर विस्तृत अध्ययन किया। अध्ययन में यह तथ्य सामने आया कि शहर के कुल वायु प्रदूषण का लगभग 30 प्रतिशत केवल सड़क की धूल से उत्पन्न होता है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए संस्थान ने प्रमुख यातायात चौराहों पर वॉटर मिस्ट/फॉगिंग सिस्टम लगाने, निर्माण स्थलों को ढकने तथा उपलब्ध स्थानों पर वृक्षारोपण करने जैसे उपाय सुझाए गए थे। इसी दिशा में तैयार की गयी कार्ययोजना (एक्शन प्लान) के अनुसार वॉटर मिस्ट व्हीकल का क्रय किया गया है, ताकि धूल कणों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके l यह तकनीक सामान्य वॉटर कैनन की तरह केवल पानी नहीं छिड़कती, बल्कि अल्ट्रा-फाइन माइक्रो ड्रॉपलेट्स उत्पन्न करती है जो हवा में मौजूद पीएम10, पीएम2.5 और पीएम1 कणों के साथ बंधकर उन्हें तुरंत नीचे बैठा देती है।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण एवं संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी) और आईआईटी खड़गपुर के बीच राज्य में वायु प्रदूषण कम करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया था। इस समझौते के अंतर्गत आईआईटी खड़गपुर ने रायपुर नगर पालिक निगम क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारकों पर विस्तृत अध्ययन किया। अध्ययन में यह तथ्य सामने आया कि शहर के कुल वायु प्रदूषण का लगभग 30 प्रतिशत केवल सड़क की धूल से उत्पन्न होता है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए संस्थान ने प्रमुख यातायात चौराहों पर वॉटर मिस्ट/फॉगिंग सिस्टम लगाने, निर्माण स्थलों को ढकने तथा उपलब्ध स्थानों पर वृक्षारोपण करने जैसे उपाय सुझाए गए थे। इसी दिशा में तैयार की गयी कार्ययोजना (एक्शन प्लान) के अनुसार वॉटर मिस्ट व्हीकल का क्रय किया गया है, ताकि धूल कणों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके l यह तकनीक सामान्य वॉटर कैनन की तरह केवल पानी नहीं छिड़कती, बल्कि अल्ट्रा-फाइन माइक्रो ड्रॉपलेट्स उत्पन्न करती है जो हवा में मौजूद पीएम10, पीएम2.5 और पीएम1 कणों के साथ बंधकर उन्हें तुरंत नीचे बैठा देती है।
आईआईटी खड़गपुर द्वारा प्रमाणित परिणाम –
दिल्ली की 1.6 किलोमीटर लंबी व्यस्त सड़क पर इस तकनीक के फील्ड-टेस्ट आईआईटी खड़गपुर की निगरानी में किए गए, जिसके परिणाम अत्यंत प्रभावी और उत्साहजनक रहे— • पीएम10 में 23% की कमी • पीएम2.5 में 59% की कमी • पीएम1 में 70% की कमी (सबसे अधिक सुधार)* विशेष रूप से पीएम1 जैसे अति सूक्ष्म कणों में 70% तक की गिरावट दर्ज की गई, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये कण फेफड़ों तक गहराई में प्रवेश करते हैं। ये परिणाम सिद्ध करते हैं कि हाई-प्रेशर माइक्रो मिस्टिंग केवल दृश्य प्रभाव नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित, त्वरित और प्रभावी तकनीक है।
रायपुर नगर पालिक निगम की प्रतिबद्धता*
रायपुर नगर पालिक निगम का लक्ष्य स्पष्ट है— नगरवासियों को स्वच्छ हवा मिले, प्रदूषण को वैज्ञानिक तरीके से नियंत्रित किया जाए,और रायपुर शहर को एक हरित, स्वस्थ और भविष्य-उन्मुख शहर के रूप में विकसित किया जाए। प्रमिति तकनीक का आज से शहर में 15वे वित्त आयोग द्वारा संचालन शुरू होने के साथ ही रायपुर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक नया, प्रभावी और प्रमाणिक समाधान अपनाने वाला अग्रणी शहर बन गया है। रायपुर आगे बढ़ रहा है — स्वच्छ हवा, स्वस्थ जीवन और सतत विकास की दिशा में।