श्रीलंका में चक्रवात पीड़ितों को मदद पहुंचा रहा है भारत का आईएनएस विक्रांत

दिल्ली/श्री लंका। भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत श्रीलंका में चक्रवात पीड़ित लोगों तक मदद पहुंचा रहा है। दरअसल श्रीलंका बीते दिनों आए भयंकर चक्रवात ‘दित्वाह’ से प्रभावित हुआ है। चक्रवात से श्रीलंका में जानमाल की हानि हुई है। कई स्थानों पर सड़क मार्ग पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। कई स्थानों पर लोगों के घर बाढ़ और बरसात के पानी में डूब गए हैं। ऐसे कठिन समय में भारतीय नौसेना ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका के लोगों की सहायता कर रही है।

राहत कार्यों को और गति देने के लिए भारतीय नौसेना ने आईएनएस सुकन्या को त्रिंकोमाली में तैनात किया। यह जहाज यहां आवश्यक राहत सामग्री लेकर पहुंचा है। इस राहत सामग्री से श्रीलंका में चल रहे सहायता अभियानों को और मजबूती मिलेगी। नौसेना के मुताबिक आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि को भी यहां तुरंत राहत कार्यों में लगाया गया है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना व भारतीय राहतकर्मियों ने श्रीलंका में कई लोगों की जान बचाई है। श्रीलंका में राहत और बचाव के लिए भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ चलाया जा रहा है। वायुसेना के साथ साथ भारतीय नौसेना भी ऑपरेशन सागर बंधु के तहत व्यापक मानवीय सहायता प्रदान करने का अभियान शुरू कर चुकी है।

श्रीलंका नौसेना के 75वें वर्षगांठ अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में भाग लेने के लिए आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि कोलंबो पहुंचे थे। नौसेना के इन विशाल जहाजों को तत्काल राहत कार्यों में लगाया गया है। आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी दोनों जहाजों ने जरूरतमंद लोगों के लिए राहत सामग्री श्रीलंकाई प्रशासन को सौंपी है। श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वाह के प्रभाव के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत यह व्यापक मानवतावादी सहायता एवं आपदा राहत अभियान शुरू किया है। समुद्री जहाजों पर मौजूद हेलीकॉप्टरों ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है। भारतीय हेलीकॉप्टरों ने चल रहे खोज एवं बचाव अभियानों को मजबूती दी, जिसके परिणामस्वरूप कई श्रीलंकाई नागरिकों का सफलतापूर्वक बचाव किया गया।

नौसेना के मुताबिक भारत और श्रीलंका के अधिकारियों के बीच लगातार समन्वय किया जा रहा है ताकि सहायता सामग्रियों की समय पर और प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। भारतीय नौसेना की तेज और सशक्त प्रतिक्रिया ने एक बार फिर साबित किया है कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में फर्स्ट रिस्पॉन्डर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कदम भारत सरकार के महासागर विजन और पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप है, जो पड़ोसी देशों के संकट के समय सहायतार्थ भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारतीय नौसेना का कहना है कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है। साथ ही भारतीय नौसेना क्षेत्र में एक विश्वसनीय, सक्षम और सक्रिय समुद्री साझेदार के रूप में अपनी भूमिका निभाती रहेगी।

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