अंबाला: हरियाणा के अंबाला जिले के निवासियों को जल्द ही डोमेस्टिक एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है। अंबाला कैंट स्थित डोमेस्टिक एयरपोर्ट को एनओसी भी मिल चुकी है और सभी औपचारिकताएं भी पूरी हो चुकी हैं। जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। अंबाला कैंट का एयरपोर्ट बनकर तैयार है और कुछ कागजी काम बचा है। इसके बाद इसकी शुरुआत हो सकती है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। यह जानकारी हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने दी।
हरियाणा कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अंबाला घरेलू हवाई अड्डा बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही इसे जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इसका उद्घाटन करेंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के कुरुक्षेत्र दौरे के दौरान इसका उद्घाटन होगा।” अंबाला कैंट में एयरपोर्ट बनने से वहां के लोगों को काफी फायदा होगा। इसके अलावा, एयरपोर्ट बनने से आसपास के लोगों को रोजगार भी मिलेगा और इसके लिए वे कैबिनेट मंत्री अनिल विज और सरकार की तारीफ कर रहे हैं।
वहीं, 25 अक्टूबर को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) ने हवाई सुरक्षा से जुड़े एक अहम मुद्दे पर बड़ी बैठक आयोजित की थी। बैठक का उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों के टकराव की बढ़ती घटनाओं को रोकना और इसके लिए ठोस कदम तय करना था। इस बात की जानकारी सीएचआईएएल ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए दी थी। इस उच्चस्तरीय बैठक में ट्राइसिटी के नगर निगमों, पुलिस प्रशासन, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई कि इन जगहों पर पक्षियों का झुंड अक्सर उड़ानों के टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान खतरनाक स्थिति पैदा कर देता है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ विमानों के इंजन और उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि यात्रियों की जान के लिए भी गंभीर खतरा साबित हो सकती हैं।
वहीं, 25 अक्टूबर को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) ने हवाई सुरक्षा से जुड़े एक अहम मुद्दे पर बड़ी बैठक आयोजित की थी। बैठक का उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों के टकराव की बढ़ती घटनाओं को रोकना और इसके लिए ठोस कदम तय करना था। इस बात की जानकारी सीएचआईएएल ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए दी थी। इस उच्चस्तरीय बैठक में ट्राइसिटी के नगर निगमों, पुलिस प्रशासन, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए थे।
बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई कि इन जगहों पर पक्षियों का झुंड अक्सर उड़ानों के टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान खतरनाक स्थिति पैदा कर देता है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ विमानों के इंजन और उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि यात्रियों की जान के लिए भी गंभीर खतरा साबित हो सकती हैं।
बैठक में अब तक किए गए उपायों की समीक्षा की गई थी। एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने और खुले में कचरा फेंकने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम को ऐसे स्थानों की पहचान कर तत्काल साफ-सफाई और मलबा हटाने का आदेश दिया गया है।
बैठक में उपस्थित पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के अधिकारियों ने हवाई क्षेत्र में पक्षियों की गतिविधियों को ट्रैक करने और रिपोर्ट साझा करने के लिए एक संयुक्त मैकेनिज्म तैयार करने का सुझाव दिया। बैठक के अंत में तय किया गया कि अगली स्थिति समीक्षा बैठक 1 नवंबर को आयोजित की जाएगी।