मानसून में स्केल नहीं, सिर्फ आराम: क्रॉम्पटन ने पेश किया रैपिडजेट टीडीएस 2000

रायपुर , क्या मानसून के दौरान खराब पानी की वजह से आपके वॉटर हीटर में दिक्कतें आ रही हैं? अक्सर इस मौसम में पानी की गुणवत्ता बिगड़ जाती है और इसका असर सबसे ज़्यादा आपके हीटर पर पड़ता है। ऐसे में भारत के भरोसेमंद इलेक्ट्रिकल ब्रांड क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने इस समस्या का समाधान पेश किया है – रैपिडजेट टीडीएस 2000 लॉन्च किया है, जो एक अत्‍याधुनिक इंस्टैंट वॉटर हीटर है और कठोर पानी के लिए खासतौर पर डिज़ाइन किया गया है।

यह पहली बार है जब क्रॉम्पटन के वॉटर हीटर पोर्टफोलियो में एंटी-स्केल टेक्नोलॉजी दी गई है। यह तकनीक हीटर को स्केल जमने से बचाती है और लंबे समय तक बेहतर प्रदर्शन व कम बिजली खपत सुनिश्चित करती है। रैपिडजेट टीडीएस 2000 को खासतौर पर आधुनिक घरों के लिए तैयार किया गया है ताकि उन्हें हर मौसम में भरोसेमंद आराम और टिकाऊ दक्षता मिल सके।

इस साल मानसून समय से पहले आ गया और देशभर में जोरदार बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस बार औसत से 105% अधिक बारिश होने की संभावना है। बारिश जहां राहत लेकर आती है, वहीं वह सतही जल स्रोतों को गंदा भी कर देती है, जिससे लोग बोरवेल के पानी पर निर्भर होने लगते हैं। यह पानी आमतौर पर कठोर और खनिजों से भरपूर होता है। भारत में बोरवेल के पानी का टीडीएस स्तर 600 से 2000 पीपीएम तक होता है — और कई बार इससे भी ज्यादा। हर साल बोरवेल गहरे खोदे जा रहे हैं, जिससे पानी की कठोरता और भी बढ़ती जा रही है। यह एक सालभर की समस्या बन चुकी है।

कठोर पानी से वॉटर हीटर के हीटिंग एलिमेंट पर स्केल जमा हो जाता है, जिससे पानी गर्म होने में अधिक समय लगता है, बिजली की खपत बढ़ जाती है और बार-बार मरम्मत की ज़रूरत पड़ती है। यही वजह है कि यह समस्या न केवल असुविधाजनक है, बल्कि खर्चीली भी साबित होती है। क्रॉम्पटन का नया रैपिडजेट टीडीएस 2000 इन सभी परेशानियों का एक प्रभावी समाधान बनकर सामने आया है। इसमें लगाया गया एंटी-स्केल तकनीक वाला हीटिंग एलिमेंट 2000 पीपीएम तक के टीडीएस स्तर वाले कठोर पानी के लिए प्रयोगशाला में सफलतापूर्वक परखा जा चुका है। इसके अलावा, इस वॉटर हीटर में फूड-ग्रेड स्टेनलेस स्टील टैंक और जंग-रोधी बाहरी संरचना भी शामिल हैं, जो इसे न केवल टिकाऊ बनाते हैं, बल्कि लंबे समय तक कुशल प्रदर्शन भी सुनिश्चित करते हैं। मानसून के नम और चुनौतीपूर्ण महीनों में भी यह वॉटर हीटर हर दिन गर्म पानी की सुविधा के साथ आराम और भरोसा प्रदान करता है, वह भी कम बिजली खर्च के साथ।

यह नया वॉटर हीटर न सिर्फ क्रॉम्पटन की तकनीकी विशेषज्ञता का प्रमाण है, बल्कि उपभोक्ताओं को उनकी उम्मीदों से भी बढ़कर सुविधा देने की कंपनी की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। रैपिडजेट टीडीएस 2000 की उन्नत खूबियों से यह साफ होता है कि कंपनी ने मौसमी और क्षेत्रीय ज़रूरतों को ध्यान में रखकर इस प्रोडक्ट को तैयार किया है। इनमें कुछ प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं:

एंटी-स्केल हीटिंग एलिमेंट : यह खासतौर पर कठोर पानी के असर को झेलने के लिए बनाया गया है। मानसून के दौरान जब पानी में अशुद्धियों की मात्रा बढ़ जाती है, तब यह एलिमेंट स्केल बनने की प्रक्रिया को रोकता है। इसका फायदा यह होता है कि पानी जल्दी और लगातार गर्म होता है, बिजली की खपत कम होती है और वॉटर हीटर की उम्र बढ़ती है। यह उन घरों के लिए बेहद उपयोगी है, जो भारी बारिश या बोरवेल पर निर्भर क्षेत्रों में स्थित हैं।
2000 पीपीएम तक के टीडीएस लेवल के लिए उपयुक्‍त : 2000 पीपीएम तक के टीडीएस लेवल में भी बेहतर ढंग से काम करने के लिए जांचा गया है। इसका मतलब यह है कि यह वॉटर हीटर मानसून जैसे मौसम में, जब ज़्यादातर लोग बोरवेल के खनिजयुक्त कठोर पानी पर निर्भर हो जाते हैं, तब भी बिना किसी रुकावट के प्रभावशाली ढंग से काम करता है।
फूड-ग्रेड स्टेनलेस स्टील टैंक : इस वॉटर हीटर में दिया गया फूड-ग्रेड स्टेनलेस स्टील टैंक भी इसकी खासियतों में से एक है। यह टैंक न केवल जंग और स्केल से बचाव करता है, बल्कि पानी की शुद्धता बनाए रखने में भी मदद करता है। इसका मतलब है कि कठोर पानी की स्थिति में भी उपभोक्ताओं को सुरक्षित और साफ गर्म पानी मिलता है।
जंग-मुक्त थर्मोप्लास्टिक बॉडी डिज़ाइन : इसके साथ ही, इसका जंग-मुक्त थर्मोप्लास्टिक बॉडी डिज़ाइन मानसून के नमी भरे वातावरण में भी इसे पूरी तरह से सुरक्षित बनाता है। यह डिज़ाइन खासकर समुद्रतटीय क्षेत्रों और अत्यधिक बारिश वाले इलाकों में इसके टिकाऊपन को और मज़बूत बनाता है।
आईएसआई प्रमाणन : इसके अलावा, इस प्रोडक्ट को मिला आईएसआई प्रमाणन उपभोक्ताओं के मन में अतिरिक्त भरोसा जगाता है। यह सुनिश्चित करता है कि वॉटर हीटर उच्च सुरक्षा मानकों पर खरा उतरता है, खासतौर पर उस मौसम में जब नमी के कारण बिजली से जुड़ी घटनाओं, जैसे शॉर्ट सर्किट या ओवरहीटिंग का खतरा बढ़ जाता है।

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