जगदलपुर। तेलंगाना पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में एक ऐतिहासिक सफलता हाथ लगी है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य रह चुके वरिष्ठ नक्सली दंपत्ति माला संजीव उर्फ लेंगू दादा और उसकी पत्नी दीना ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। यह पहली बार है जब इस स्तर का नक्सली दंपत्ति संगठन छोड़कर पुलिस की मुख्यधारा में लौटा है।माला संजीव उर्फ लेंगू दादा पिछले 45 वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ था। वह नक्सलियों के चेतना नाट्य मंडली (Cultural Wing) का अहम हिस्सा था, जो गांव-गांव जाकर संगठन की विचारधारा का प्रचार करता था। इसके साथ ही वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी जैसी रणनीतिक इकाई का भी सक्रिय सदस्य था। उसकी पत्नी दीना भी लंबे समय तक इस समिति में कार्यरत रही।
दोनों ने वर्षों तक छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना के जंगलों में नक्सली गतिविधियों को संचालित किया। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, यह आत्मसमर्पण नक्सली संगठन के भीतर चल रही आंतरिक खींचतान, विचारधारात्मक असंतोष और सुरक्षा बलों के दबाव का परिणाम है। समर्पण के बाद दंपत्ति को राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सहायता दी जाएगी। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस समर्पण को नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में बड़ी रणनीतिक सफलता मान रही हैं। इससे अन्य सक्रिय सदस्यों के मनोबल पर भी असर पड़ेगा और आत्मसमर्पण की प्रवृत्ति को बल मिल सकता है।