अंबिकापुर। गांधीनगर पुलिस ने म्यूल अकाउंट (Mule Account) के जरिए सट्टेबाजों को बैंक खाता और सिम कार्ड बेचने के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी कार्रवाई की है। आरोपियों ने महज 30 हजार रुपए के लालच में अपने बैंक खाते और मोबाइल सिम सटोरियों को सौंप दिए थे, जिनका उपयोग कर 7 लाख रुपए से अधिक की संदिग्ध ट्रांजैक्शन की गई है। थाना प्रभारी के अनुसार, सभी आरोपी अंबिकापुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन लोगों ने पैसों के लोभ में आकर अपने नाम से बैंक खाता और सिम कार्ड उपलब्ध कराए, जिनका दुरुपयोग ऑनलाइन सट्टेबाजी और साइबर अपराधों में किया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर चारों को हिरासत में ले लिया है।
म्यूल अकाउंट का बढ़ता खतरा
थाना प्रभारी ने बताया कि वर्तमान समय में साइबर ठग और सटोरिये म्यूल अकाउंट का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। वे आम नागरिकों को झांसे में लेकर उनके नाम पर खाता खुलवाते हैं, ताकि अपनी पहचान छिपाकर अवैध लेनदेन किया जा सके।
क्या होता है म्यूल अकाउंट?
म्यूल अकाउंट उस बैंक खाते को कहा जाता है जो किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खोला जाता है और जिसका उपयोग अपराधी धोखाधड़ी, सट्टेबाजी या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करते हैं। यह खाता धारक को अपराध की सीधी कड़ी बना देता है, भले ही उसने खुद अपराध न किया हो।
पुलिस की अपील और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे लालच में आकर अपने बैंक खाता या सिम कार्ड किसी को भी न दें, क्योंकि यह कानूनी अपराध है और इससे व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से अपराध में शामिल माना जाएगा। गांधीनगर पुलिस अब मास्टरमाइंड सटोरियों और साइबर अपराधियों की तलाश में जुटी है। जांच में और भी चौंकाने वाले खुलासे और गिरफ्तारियां संभव हैं।