रायपुर। राज्य विधानसभा में बुधवार को भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के लागू होने से राज्य में जमीन संबंधी विवादों में कमी आने की संभावना है और साथ ही अवैध प्लाटिंग पर प्रभावी रोकथाम लगाई जा सकेगी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसके प्रावधानों से नक्शों के बटांकन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। इसके अलावा, जमीन मालिक की मृत्यु के उपरांत नामांतरण की प्रक्रिया भी उनके आश्रितों के लिए सहज होगी।
इसके साथ ही सदन ने छत्तीसगढ़ बकाया कर, व्याज और शास्ति निपटान संशोधन विधेयक तथा जांजगीर-चांपा जिले में नए विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक को भी पारित कर दिया। हालांकि, जब मंडी संशोधन विधेयक पेश किया गया, तो विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानूनों को ही राज्य सरकार ने लागू करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों के शोषण को बढ़ावा देगा और इससे कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचेगा।