देहरादून : उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के दूरस्थ गांवों के सर्वांगीण विकास का बीड़ा उठाया है। सीएम धामी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को उन गांवों को गोद लेने के निर्देश दिए, जहां से उन्होंने अपनी सेवा शुरू की थी। योजना के तहत अधिकारियों ने गोद लिए गांवों के विकास के लिए काम करना शुरू कर दिया है। कई अधिकारियों ने गांवों में रात्रि प्रवास कर ग्रामीणों के जनजीवन और उनकी समस्याओं को करीब से समझा है।
अधिकारियों द्वारा कार्ययोजना बनाए जाने के बाद राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए अभियान चलाकर काम करेगी। सीएम धामी ने 8700 रुपये या इससे अधिक ग्रेड-पे वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा की थी कि वे अपनी पहली नियुक्ति के कार्य क्षेत्र को ही अपनाएं। इसी आधार पर राज्य के 40 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने अपनी पहली नियुक्ति के कार्य क्षेत्र को ही अपना लिया है। 20 मई 2025 को मुख्य सचिव आनंद बर्धन की ओर से इस आशय का आदेश भी जारी कर दिया गया। सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई थी कि वे अपनी पहली नियुक्ति के कार्य क्षेत्र में हुए बदलावों पर टिप्पणी करेंगे। इसका मतलब है कि आज की तारीख में वहां विकास कितनी तेजी से हुआ है और सीएसआर या अन्य संसाधनों के इस्तेमाल से गांव का सामाजिक और आर्थिक विकास किस तरह से बेहतर हो सकता है। अधिकारियों को जिला योजना, राज्य सेक्टर और वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि का शत-प्रतिशत सही इस्तेमाल करने की कार्ययोजना भी तैयार करनी होगी। मुख्यमंत्री धामी की उम्मीदों के मुताबिक वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों द्वारा दूरस्थ गांवों के विकास की योजना तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से गांवों का विकास किया जाएगा। अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है।